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हिंदी भाषा के प्रति छात्रों में क्यों बढ़ रही दूरियां…

locationजबलपुरPublished: Mar 24, 2019 06:34:13 pm

Submitted by:

Mayank Kumar Sahu

हिंदी भाषा से लगातार छात्र-छात्राओं की दूरियां बढ़ रही है। हालात हिंदी के गिरते जा रहे हैं। अंग्रेजी भाषा की मोहमाया में फंसे बच्चे हिंदी भाषा से दूर हो रहे हैं। विभाग भी चितिंत है यही वजह है कि हिंदी ओलम्पियाड के माध्यम से इस दूरियों को पाटने की कोशिश की जा रही जानिए कैसे…।
 
 

Why the growing distances in the students of Hindi language ...

Why the growing distances in the students of Hindi language …

जबलपर।

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (आरआरए) के तहत शासकीय मॉडल स्कूल में रविवार को हिंदी ओलंपियाड परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा केन्द्र में संभाग के करीब 420 बच्चे शामिल हुए। इस परीक्षा में कक्षा 7 वीं और 8वीं के छात्र-छात्राओं द्वारा सहभागिता की गई थी। प्रथम चरण की परीक्षा अक्टूबर में हुई थी जिसमें पास हुए छात्र-छात्राओं को द्वितीय चरण के लिए आयोजित संभागस्तरीय परीक्षा के लिए चयनित किया गया। पहले चरण में यह परीक्षा हिंदी भाषा लेखन- कौशल विकास को बढावा देने के लिए यह परीक्षा विकासखंड और जिला स्तर पर आयोजित की जा चुकी है।
तीन साल से हो रही परीक्षा

बताया जाता है हिंदी के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने के लिए पिछले तीन सालों से हिंदी ओलंपियाड परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इसके पूर्व 12 दिसंबर 2017 को और 15 फरवरी 2018 को परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसकी जवाबदाारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को दी गई है। लेकिन प्रतियोगिता में छात्रों की संख्या बेहद सीमित है। जिसकी वजह योजना का प्रचार प्रसार न किया जाना है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के व्याख्याता डॉ.गजेश खरे कहते हैं कि हिंदी कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस तरह की परीक्षा आयोजित कराई जा रही है। इससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागती है हिंदी को लोकप्रिय बनाने में भी मदद मिलती है।
-आज बच्चों में हिंदी में पठन-पाठन के प्रति दूरियां बढ़ रही हैं। हिंदी में होने वाली वर्तनीगत अशुद्धियों, शुद्ध लेखन, हिंदी पठन-पाठन आदि के प्रति छात्र-छात्राओं में रुचि बढ़ती है तो वहीं प्रतिस्पर्धा की भावना भी।
-वीणा बाजपेयी, प्राचार्य उत्कृष्ट मॉडल स्कूल

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