तीन साल से हो रही परीक्षा बताया जाता है हिंदी के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने के लिए पिछले तीन सालों से हिंदी ओलंपियाड परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इसके पूर्व 12 दिसंबर 2017 को और 15 फरवरी 2018 को परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसकी जवाबदाारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को दी गई है। लेकिन प्रतियोगिता में छात्रों की संख्या बेहद सीमित है। जिसकी वजह योजना का प्रचार प्रसार न किया जाना है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के व्याख्याता डॉ.गजेश खरे कहते हैं कि हिंदी कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस तरह की परीक्षा आयोजित कराई जा रही है। इससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागती है हिंदी को लोकप्रिय बनाने में भी मदद मिलती है।
-आज बच्चों में हिंदी में पठन-पाठन के प्रति दूरियां बढ़ रही हैं। हिंदी में होने वाली वर्तनीगत अशुद्धियों, शुद्ध लेखन, हिंदी पठन-पाठन आदि के प्रति छात्र-छात्राओं में रुचि बढ़ती है तो वहीं प्रतिस्पर्धा की भावना भी।
-वीणा बाजपेयी, प्राचार्य उत्कृष्ट मॉडल स्कूल