जबलपुरPublished: Jun 13, 2019 09:41:54 pm
prashant gadgil
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर की सुनवाई, राज्य सरकार, मप्र व छग के सड़क विकास निगमों, जबलपुर, मंडला व कवर्धा कलेक्टरों सहित अन्य को जारी किए नोटिस
Prime Minister scheme Road defective
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित छत्तीसगढ़ के अधिकारियों से पूछा कि मध्य प्रदेश क ो छत्तीसगढ़ से सीधे जोडऩे वाले जबलपुर-मंडला होकर चिल्पीघाटी-कवर्धा मार्ग का निर्माण क्यों नहीं हो पा रहा है? गुरुवार को जस्टिस अंजुली पालो व जस्टिस वीपीएस चौहान की डिवीजन बेंच ने मामले पर राज्य सरकार के शहरी प्रशासन विभाग प्रमुख सचिव, जबलपुर, मंडला व छग के कवर्धा जिले के कलेक्टरों, मप्र व छग के सड़क विकास निगमों सहित अन्य को नोटिस जारी किए। 4 सप्ताह में अनावेदकों से स्पष्टीकरण मांगा गया।
जर्जर हो चुकी सड़क
गुप्तेश्वर जबलपुर निवासी वीरेन्द्र कुमार रजक ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि जबलपुर से छत्तीसगढ़ को जोडऩे वाली मंडला होकर चिल्पीघाटी-कवर्धा रोड का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है। बीते 2-3 साल से काम पूरा होने का नाम ही नहीं ले रहा है। लंबे अर्से से ठेकेदार व अधिकारी निर्माण कार्य जारी होने की बात कह रहे हैं। जानकारी के मुताबिक वन विभाग सड़क निर्माण में रोड़ा अटका रहा है। इस मार्ग के बीजाडांडी के समीप सहित अन्य कई हिस्से बुरी तरह से जर्जर हो चुके हैं।
10 किमी में लग रहा एक घंटा
गड्ढों में तब्दील हो चुकी पुरानी व संकरी सड़क से वाहनों को आवाजाही में खासी परेशानी उठानी पड़ती है। 10 किलोमीटर का सफर पूरा करने में एक घंटे से अधिक समय लग रहा है। यह सड़क मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच परिवहन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। वन विभाग नैसर्गिक पर्यावरण व जंगली जानवरों की जान को खतरे का तर्क देकर रोड निर्माण में बाधक बना हुआ है। आग्रह किया गया कि जांच करवाने के बाद सड़क निर्माण में हो रहे विलंब के लिए जिम्मेदारों को समुचित दंड दिया जाए। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई १२ जुलाई को होगी।