सीएसपी अधारताल डॉ. नीरज चौरसिया ने बताया, 14दिसम्बर 2017 को खैरी में किराए पर कमरा लेकर रह रहे वीरेंद्र केवट ने दीपा (30) की आत्महत्या की सूचना पनागर थाने में दी थी। जांच के दौरान पता चला कि दीपा की शादी वर्ष 2008 में लॉजी गोटिया निवासी जितेंद्र असाटी से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद जितेंद्र दीपा के साथ पनागर कुसनेर में रहने लगा। जितेंद्र कुछ समय पहले दीपा के साथ वीरेंद्र केवट का प्लॉट देखने गया था। इस दौरान दीपा की पहचान वीरेंद्र से हुई। दोनों में प्रेम हो गया। १६ अप्रैल २०१५ को दीपा अचानक गायब हो गई। जितेंद्र ने पनागर थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। छह मई २०१५ को दीपा को पुलिस ने खोज निकाला। इसके बाद वह जितेंद्र के साथ रहने लगी। हालांकि उसका वीरेंद्र के साथ भी प्रेम सम्बंध बना रहा।
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ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस ने दीपा की मां व भाई के बयान लिए, तब पता चला कि वह पति से तलाक लिए बिना वीरेंद्र के साथ रह रही थी। जितेंद्र ने पुलिस को घटना वाली रात फोन पर हुए विवाद की जानकारी दी। इसके बाद वीरेंद्र की पोल खुल गई।
प्रेमी के साथ रहने लगी थी
दीपा ने ७ दिसम्बर 2017 को वीरेंद्र के साथ रहने का आवेदन पनागर थाने में दिया। अगले दिन से दो वर्षीय बेटे के साथ उसके खैरी स्थित किराए के मकान में रहने लगी। उसने एक बेटे को जितेंद्र के पास छोड़ दिया था। 13 दिसम्बर 2017 को वीरेंद्र ने शराब के नशे में दीपा के पति जितेंद्र असाटी को बुरा-भला कहा। दीपा ने मना किया, तो दोनों में विवाद हो गया। झूमाझटकी में दीपा गिर गई। रात में उसने सिलेंडर पर चढ़कर छप्पर की बल्ली में रस्सी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वीरेंद्र की नींद खुली तो उसने सिलेंडर हटा दिया। साक्ष्य मिटाने के लिए मोबाइल की सिम तोड़कर फेंक दी। पूछताछ में भी पुलिस को दूसरा सिम नम्बर बताकर गुमराह करने की कोशिश की।