प्राप्त जानकारी के अनुसार हिरण प्रजाति का चीतल मंगलवार सुबह 8.20 बजे भटकते हुए कलेक्टर छवि भारद्वाज के बंगले में पहुंच गया। बंगला के कर्मचारियों ने रेंजर शैलेंद्र तिवारी को सूचना दी। आधे घंटे में रेस्क्यू नहीं हो पाया तो कलेक्टर ने वन विभाग की टीम को पीछे हटने का निर्देश दिया। उन्होंने वन विभाग को सूचना देने के लिए बंगला कर्मियों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि हिरण बेहद संवेदनशील प्राणी है। ज्यादा उछल-कूद करेगा या कैद महसूस करेगा तो उसकी धडकऩ बढ़ जाएगी, मौत भी हो सकती है।
news facts- वन विभाग की टीम ने चार घंटे लगाया सुराग
बंगले में घुसा चीतल, कलेक्टर ने वन कर्मियों को लौटाया
रेस्क्यू टीम के प्रभारी गुलाब सिंह राजपूत वन कमियों के साथ जाल व अन्य उपकरण लेकर पहुंचे तो पीछे की ओर चीतल भटक रहा था। वे करीब गए तो वह उछल-कूद करने लगा। उनके कई प्रयास विफल हुए तो कलेक्टर भी मौके पर आ गईं। उन्होंने वन कर्मियों को पीछे कर दिया और चीतल झाडिय़ों की ओर चला गया। करीब डेढ़ बजे तक यानि चार घंटे तक रेस्क्यू टीम मौके पर बैठी रही, लेकिन वह बंगले की ओर नहीं आया। झांडिय़ों में झांकने के बाद रेस्क्यू टीम ने मान लिया कि चीतल चला गया है। इस मौके पर रेस्क्यू टीम के रामविनोद मांझी, अजीत गर्ग एवं शारदा यादव मौजूद थे।
कलेक्टर के बंगले में चीतल घुसने की सूचना मिली थी। उछल-कूद करते हुए चीतल का रेस्क्यू करने पर उसकी जान खतरे में पड़ सकती थी, इस कारण टीम ने उसे जंगल की ओर बाहर निकालने की कोशिश की।
– रविंद्र मणि त्रिपाठी, डीएफओ