यह कहना है शहर के धर्मगुरुओं और समाज के प्रमुखों का। वे शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित बैठक में शामिल हुए थे। सम्भागायुक्त रवीन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा कि इसी तरह आगे भी सहयोग मिला तो जबलपुर कोरोना से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए सभी घर, आंगन, छत में रोशनी करने के आह्वान का उल्लेख किया। कलेक्टर भरत यादव, पुलिस अधीक्षक अमित सिंह, डॉ. स्वामी नरसिंहदास, स्वामी भजनदास विष्णुधाम, प्रधान साहब गुरुद्वारा मढ़ाताल, सरदार प्रताप सिंह बिरदी, महासचिव गुरुद्वारा मढ़ाताल सरदार गुरुदेव सिंह रील, जैन पंचायत के अध्यक्ष सत्येन्द्र जैन, सनत कुमार जैन आदि उपस्थित थे।
किसने क्या कहा
डॉ. स्वामी श्यामदेवाचार्य
कोरोना महामारी पर शहर में जितनी तेजी से नियंत्रण किया गया, उसके लिए प्रशासन और डॉक्टरों का धन्यवाद। कोरोना से लडऩे के लिए ज्यादातर लोगों ने प्रधानमंत्री की बात को माना है। कोई नहीं मानता है तो पुलिस उसे समझाती है, जो सही है। धर्माचार्यों ने जनता कफ्र्यू का पालन किया और रविवार के लिए किए गए आह्वान का भी पालन करेगी।
मौलाना सैय्यद बरकात अहमद कौसर रब्बानी
जिन लोगों ने आपदाएं नहीं देखी हैं वो ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। उनके लिए यह संदेश है कि यह वक्त इम्तहान का है। जिस तरह हमने जनता कफ्र्यू का पालन किया है वह विश्व के लिए मिसाल है। यह ऐसा वक्त है जिसमें सभी को धर्म से अलग होकर मानव कल्याण के लिए काम करना है। इसे मिसाल बनाना है। यह बीमारी दूर हो ऐसी हम दुआ करते हैं।
बिशप जेराल्ड अल्मेडा
कोरोना से लडऩे के लिए हम सभी सरकार के साथ हैं और अपना योगदान दे रहे हैं। आगे भी जो निर्देश मिलेंगे उसका पालन किया जाएगा। ईसाई समाज भी ग्रामीण क्षेत्रों में मास्क का वितरण कर रहा है, ताकि कोई संक्रमित न हो पाए। सभी लोग अपने स्तर पर योगदान दे रहे हैं, ताकि महामारी न फैले। प्रशासन को हर तरह से मदद दी जाएगी।
गुरुदेव सिंह रील
सिख समाज ने गुरुद्वारों में सुबह और शाम का दीवान स्थगित कर दिया गया है। लंगर भी बंद कर दिए गए हैं। गुरुद्वारों में भी जांच के बाद ही रहने दिया जा रहा है। सिख समाज देशसेवा के लिए बना है। इसके लिए हम हर स्तर पर तैयार हैं। इस महामारी से सभी मिलकर लड़ेंगे।
सतेंद्र जैन
प्रधानमंत्री के निर्देश ने लोगों की जान बचाई है। प्रशासन के अनुरोध पर मंदिर में श्रद्धालुओं को आने से मना कर दिया गया है। महावीर जयंती भी नवरात्र पर्व की तरह मंदिरों में मनाई जाएगी और सिर्फ पुजारी ही पूजा करेंगे। समाज के लोगों ने कहा कि उनके जो भी भवन का उपयोग प्रशासन करना चाहता है वे देने के लिए तैयार हैं।