धनुष तोप बेयरिंग के हाइप्रोफाइल प्रकरण की पिछले दो सालों से जांच कर रही सीबीआइ अब तक 32 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इसी कड़ी में 10 जनवरी को टीम खटुआ के घर पहुंची थी। जहां उनके लैपटॉप को जब्त कर साथ ले गयी थी। टीम ने खटुआ को 17 जनवरी को दिल्ली में बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया था, लेकिन वे विभागीय अवकाश न मिलने की वजह से नहीं जा सके। 17 जनवरी को वे रहस्यमय ढंग से लापता हो गए और 19 दिन बाद पांच फरवरी को पाटबाबा पहाड़ी के पीछे एमइएस-21 पम्प हाउस के पास पत्थरों के खोह में उनकी लाश मिली।
सीबीआइ पर भी पत्नी ने उठाए हैं सवाल
खटुआ की पत्नी मौसमी दिल्ली सीबीआइ में पदस्थ एक अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठा चुकी है। वहीं खटुआ की मौत और परिजन द्वारा किए जा रहे दावे से सीबीआइ भी सकते में है। सूत्रों की मानें तो सीबीआइ की तीन सदस्यीय टीम इसी पहलू की जांच करने जबलपुर पहुंची है।
धनुष तोप प्रकरण के दस्तावेज एसआइटी ने किए तलब
खटुआ की मौत प्रकरण में गठित एसआइटी टीम को जीसीएफ द्वारा गुरुवार को धनुष तोप की चल रही जांच सम्बंधी दस्तावेज उपलब्ध कराए गए। इस दस्तावेज में खटुआ के कार्य सम्बंधी और धनुष तोप की बेयरिंग के टेंडर प्रक्रिया में उसकी भूमिका से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करायी गई है। एसआइटी प्रभारी एएसपी संजीव उईके, एएसपी क्राइम शिवेश सिंह बघेल, सीएसपी रांझी अखिल वर्मा, टीआइ घमापुर संजय सिंह, टीआइ रांझी मंजीत सिंह सहित टीम के सदस्य इस दस्तावेज के परीक्षण में देर रात तक जुटे रहे। टीम दस्तावेजों के माध्यम से ये निष्कर्ष निकालने में जुटी है कि उसके बयान से किसकी गर्दन फंसने वाली थी।
गमगीन परिजन उड़ीसा रवाना
वहीं खटुआ की हत्या के बाद पत्नी मौसमी, बेटियां श्वेता व श्रावनी और देवर रंजन आदि के साथ गुरुवार सुबह उड़ीसा के लिए रवाना हो गईं। खटुआ का अंतिम क्रिया-कर्म उनके पैतृक गांव ओडि़शा के जगतसिंहपुर जिले स्थित घर पर होगी।
खटुआ हत्या प्रकरण में पुलिस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। उनकी गुमशुदगी प्रकरण को पुलिस ने पहले हल्के ढंग से लिया। उनकी पत्नी मौसमी खटुआ ने आरोप लगाए हैं कि घमापुर पुलिस दावा करती रही कि खटुआ खुद से कहीं चले गए होंगे।
पुलिस सूत्रों की मानें तो अब तक की जांच में सिर्फ ये पता चल पाया है कि खटुआ ने 17 जनवरी की सुबह पौने पांच बजे कोटा में कोचिंग कर रही बेटी श्वेता से बात की थी। बेटी को रोज सुबह पत्नी मौसमी या फिर खटुआ खुद फोन कर जगाते थे। बेटी श्वेता भी इसकी पुष्टि कर चुकी है कि उस दिन पिता से उसकी सामान्य बातचीत हुई थी। इसके बाद खटुआ पत्नी को फैक्ट्री जाने की बात बोलकर मोपेड से निकले थे।
मोबाइल सीडीआर के आधार पर जांच
पुलिस खटुआ के मोपेड की डिक्की से उनका गायब मोबाइल बरामद कर चुकी है। टीम मोबाइल की सीडीआर निकाल कर हर उस शख्स से बात करने में जुटी है, जिससे खटुआ का आखिरी कुछ दिनों में बातचीत हुई थी। वहीं पुलिस उस व्यक्ति को भी तलाश रही है, जिसके बारे में खटुआ की पत्नी मौसमी ने बयान में जिक्र किया है। यह व्यक्ति 16 जनवरी को खटुआ को घर से बुलाकर ले गया था। पत्नी ने हत्या में इस व्यक्ति की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया है।
कोई परिचित है हत्या में शामिल!
पुलिस 19 दिन बाद भी खटुआ प्रकरण की बिखरी कडिय़ों को जोड़ नहीं पायी है। हालांकि अब तक की जांच से इतना स्पष्ट हो चुका है कि उनकी हत्या में कोई परिचित शामिल है।
खटुआ की हत्या पर चारों रक्षा फैक्ट्री कर्मियों में उबाल, कैंडिल मार्च निकाला
एससी खटुआ जूनियर वक्र्स मैनेजर की निर्मम हत्या से संपूर्ण आयुध निर्माणी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। गुरुवार को जीसीएफ के कर्मचारियों ने खटुआ की हत्या प्रकरण में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी और इसकी साजिश सामने लाने की मांग की। इस दौरान जीसीएफ संग खमरिया, वीकल, जीआइएफ के सभी यूनियन एवं एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारियों ने खटुआ को न्याय दिलाने कैंडल मार्च का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्या में कर्मचारी एवं अधिकारी शामिल हुए। कैंडल मार्च शाम 6.00 बजे प्रारंभ कांचघर चौक पर समाप्त हुआ। इस दौरान कर्मचारियों के हाथ में तख्तियां एवं कैंडल थी, जिसमें खटुआ को न्याय दिलाने की मांग की गई थी।