बच्चा चोरों की अफवाहों के बीच झामर में ग्रामीणों का पहरा
जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर झामर गांव में किसी भी अपरिचित का प्रवेश आसान नहीं रहा। यहां आधार कार्ड या अन्य परिचय पत्र दिखाने के बाद ही अंदर जाने की इजाजत मिल रही है। झामर गांव के कोटवार सेवकराम चढ़ार ने कुछ ग्रामीणों युवाओं की मदद से इस व्यवस्था को लागू किया है ताकि गांव में आने वाले हर व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित हो सके। ग्राम कोटवार घर- घर जाकर ग्रामीणों को अफवाहों पर ध्यान न देने और सोशल मीडिया में आ रही अफवाहों की पोस्टों को आगे न बढ़ाने की भी ग्रामीणों से अपील करते हैं।
झामर गांव के कोटवार सेवकराम चढ़ार, जितेंद्र लोधी, अंकित पटैल, अमित सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अन्य गांवों की तरह झामर में भी बच्चा चोरी करने वाले लोगों के सक्रिय होने की खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार मिल रही थीं। जिससे लोग भयभीत हो रहे थे। कोटवार की सलाह पर हमने गांव में आने वाले हर व्यक्ति से उनकी पहचान के लिए आधार कार्ड या अन्य कोई परिचय पत्र मांगना शुरू कर दिया और पूर्ण संतुष्टि होने पर ही गांव में अपरिचित को प्रवेश देते हैं। जब हमारे पास पहचान होगी तो अप्रिय घटना होने पर पुलिस को भी आरोपी तक पहुंचने में आसानी होगी।
झामर गांव के लोगों की इस व्यवस्था का सकारात्मक पक्ष यह है कि ग्रामीण हर अजनबी से बात कर उसकी पहचान सुनिश्चित कर रहे हैं। जिससे अनजान व्यक्ति की भी सुरक्षा हो रही है और अप्रिय घटनाओं से बचा जा रहा है।
– मनोज ठाकुर, एडीएम