बदलनी होगी सोच, देना होगा पूरा अधिकार-
जिले में सिर्फ एक महिला थाना है। वहीं 39 थानों में महज पांच में महिलाएं प्रभारी हैं। एक एसडीओपी महिला हैं। जिला पुलिस बल की बात करें तो वहां भी महिलाओं की संख्या एक तिहायी के लगभग ही है। नर्सिंग छात्रा मानवी शुक्ला, अनुश्री पटेल, पुष्पा गौड़ ने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं को सिर्फ साक्षर ही नहीं आत्मनिर्भर बनाना होगा। महिला सम्बंधी अपराधों में त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष जांच दल का गठन होना चाहिए।
इधर, नर्सिंग छात्रा का पीछा कर करता था परेशान
कोड रेड ने रविवार को नर्सिंग छात्रा को परेशान करने वाले आरोपी को दबोच लिया। पुलिस के अनुसार छात्रा ने शिकायत कर बताया था कि कंचनपुर निवासी आशू तिवारी लगातार उसका कॉलेज आते-जाते पीछा करता है। वह मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजता है। कोड रेड ने आशू को गिरफ्तार कर अधारताल पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
कोड रेड की चार टीमें, फिर भी निर्भय नहीं महिलाएं-
महिलाओं की सुरक्षा के लिए शहर में कोड-रेड का गठन हुआ है। एक जनवरी 2017 को तत्कालीन एसपी महेंद्र सिंह सिकरवार द्वारा गठित कोड-रेड का संचालन अब भी हो रहा है। चार टीमें शहर में हैं। अब तक छह प्रभारी कोड रेड में हो चुके हैं। पिछले विधानसभा में स्थगित रहने के बाद फिर से टीम को सक्रिय किया गया है। औसतन एक शिकायत कोड रेड को रोज मिल रही है। प्रभारी अरुणा वाहने ने बताया कि कोड रेड को जिले भर से शिकायतें मिलती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की शिकायतों को सम्बंधी थाने को बता दिया जाता है।
कोड रेड की कार्रवाई-
वर्ष-प्रभारी-बाजार-पार्क-विद्यालय-महाविद्यालय-चौराहे-धार्मिक स्थल-कार्रवाई-प्रकरण दर्ज-प्रतिबंधात्मक-समझाया
2017- अनुराग पंचेश्वर/रेखा प्रजापति- 18- 08- 24- 16- 19- 13- 09- 07- 02- 4050
2018-संध्या चंदेल/निकिता शुक्ला/अरुणा वाहने-25- 10- 120- 90- 35- 55- 04- 01- 03- 4500
2019- अरुणा वाहने- 25- 10- 20- 10- 35- 55- 20- 13- 07- 900