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चुनावी मुद्दा नहीं बनता महिला सुरक्षा

locationजबलपुरPublished: Apr 15, 2019 12:42:09 am

Submitted by:

santosh singh

पत्रिका जन एजेंडा, जिले में औसतन दो अपराध महिला सम्बंधी रोज आ रहे सामने

जिले में औसतन दो अपराध महिला सम्बंधी रोज आ रहे सामने

जिले में औसतन दो अपराध महिला सम्बंधी रोज आ रहे सामने

जबलपुर. जिले की 26 लाख जनसंख्या में लगभग 12 लाख महिलाएं हैं। बावजूद महिलाओं की सुरक्षा पर न तो चर्चा होती है और न ही ये चुनावी मुद्दा बनता है। जिले में औसतन रोज दो महिला सम्बंधी अपराध पुलिस थानों में दर्ज हो रहे हैं। अपहरण से लेकर लूट, बलात्कार व छेड़छाड़ जैसी परिस्थितियों से महिलाओं को दो-चार होना पड़ता है। खासकर 10 वर्ष से लेकर 32 वर्ष की महिलाओं से जुड़े मामले सबसे अधिक सामने आ रहे हैं। शहर में 17.87 लाख मतदाताओं में महिला मतदाता 8.62 लाख है। किसी भी प्रत्याशी की जीत-हार में महिलाएं निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। बावजूद इनकी सुरक्षा और सशक्तीकरण को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही है।
स्कूली छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की सर्वाधिक वारदातें-
सबसे अधिक छेड़छाड़ की वारदातें सामने आ रही हैं। स्कूली छात्रा से लेकर घर में रहने वाली युवती तक खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर पा रही हैं। अब भी महिलाओं को दहेज के नाम पर प्रताडि़त किया जा रहा है। जनवरी से अब तक सात प्रकरणों में पति की प्रताडऩा के चलते महिलाओं को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। पिछले सौ दिन में बलात्कार के 29 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा चार गैंगरेप के भी मामले सामने आ चुके हैं।
news fact-
लूट- 18
दहेज उत्पीडऩ-19
आत्महत्या के लिए मजबूर करना-07
दहेज हत्या- 07
बलात्कार- 29
गैंगरेप- 04
छेड़छाड़- 87
साइबर-18
अपहरण- 06
आत्महत्या-14
हत्या का प्रयास- 01

बदलनी होगी सोच, देना होगा पूरा अधिकार-
जिले में सिर्फ एक महिला थाना है। वहीं 39 थानों में महज पांच में महिलाएं प्रभारी हैं। एक एसडीओपी महिला हैं। जिला पुलिस बल की बात करें तो वहां भी महिलाओं की संख्या एक तिहायी के लगभग ही है। नर्सिंग छात्रा मानवी शुक्ला, अनुश्री पटेल, पुष्पा गौड़ ने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं को सिर्फ साक्षर ही नहीं आत्मनिर्भर बनाना होगा। महिला सम्बंधी अपराधों में त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष जांच दल का गठन होना चाहिए।

नर्सिंग छात्रा का पीछा कर करता था परेशान
IMAGE CREDIT: patrika

इधर, नर्सिंग छात्रा का पीछा कर करता था परेशान
कोड रेड ने रविवार को नर्सिंग छात्रा को परेशान करने वाले आरोपी को दबोच लिया। पुलिस के अनुसार छात्रा ने शिकायत कर बताया था कि कंचनपुर निवासी आशू तिवारी लगातार उसका कॉलेज आते-जाते पीछा करता है। वह मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजता है। कोड रेड ने आशू को गिरफ्तार कर अधारताल पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

कोड रेड की चार टीमें, फिर भी निर्भय नहीं महिलाएं-
महिलाओं की सुरक्षा के लिए शहर में कोड-रेड का गठन हुआ है। एक जनवरी 2017 को तत्कालीन एसपी महेंद्र सिंह सिकरवार द्वारा गठित कोड-रेड का संचालन अब भी हो रहा है। चार टीमें शहर में हैं। अब तक छह प्रभारी कोड रेड में हो चुके हैं। पिछले विधानसभा में स्थगित रहने के बाद फिर से टीम को सक्रिय किया गया है। औसतन एक शिकायत कोड रेड को रोज मिल रही है। प्रभारी अरुणा वाहने ने बताया कि कोड रेड को जिले भर से शिकायतें मिलती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की शिकायतों को सम्बंधी थाने को बता दिया जाता है।
कोड रेड की कार्रवाई-
वर्ष-प्रभारी-बाजार-पार्क-विद्यालय-महाविद्यालय-चौराहे-धार्मिक स्थल-कार्रवाई-प्रकरण दर्ज-प्रतिबंधात्मक-समझाया
2017- अनुराग पंचेश्वर/रेखा प्रजापति- 18- 08- 24- 16- 19- 13- 09- 07- 02- 4050
2018-संध्या चंदेल/निकिता शुक्ला/अरुणा वाहने-25- 10- 120- 90- 35- 55- 04- 01- 03- 4500
2019- अरुणा वाहने- 25- 10- 20- 10- 35- 55- 20- 13- 07- 900