script#Work from home : यूनिवर्सिटी में काम के नए पैटर्न पर चर्चा, होगा ये फायदा | Work from home | Patrika News

#Work from home : यूनिवर्सिटी में काम के नए पैटर्न पर चर्चा, होगा ये फायदा

locationजबलपुरPublished: Jun 05, 2020 08:30:28 pm

Submitted by:

reetesh pyasi

कोरोना संकट काल ने दिखाई नई राह, आर्थिक स्थिति में भी आएगा सुधार

Work From Home to end soon, here's the list of companies

Work From Home to end soon, here’s the list of companies

जबलपुर । सरकार से विश्वविद्यालयों को पर्याप्त अनुदान नहीं मिलने से वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय भी इन्हीं संकट से जूझ रहा है। विवि के विखंडन के कारण आय के स्रोत भी कम हुए हैं। ऐसे में कोरोना संकट के दौरान चलाई जा रही ऑनलाइन गतिविधियों ने विवि को आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है।
4 से 5 लाख रुपए हर माह खर्च
रादुविवि में प्रशासनिक कामकाज के संचालन और बिजली बिल सहित अन्य कार्यों पर हर माह चार से पांच लाख रुपए खर्च होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम से संस्थान 25-30 फीसदी खर्च हर माह बचा सकते हैं।
जोड़ सकते हैं वर्क फ्रॉम होम से
विवि में 550 कर्मचारी हैं। इनमें से करीब 250 कर्मी क्लेरिकल काम से जुड़े हैं। विवि के 60-70 कर्मचारी तकनीकी रूप से जुड़े हैं। इन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देकर वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से काम कराया जा सकता है। इससे परिसर की खाली जगह का बेहतर ढंग से उपयोग किया जा सकता है। विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन का बिजली बिल 1.25 लाख से 1.5 लाख रुपए मासिक है। बिजली की सबसे अधिक खपत 20-25 एसी, 150-200 ट्यूबलाइट और कम्प्यूटर में होती है। वर्क फ्रॉम होम से बिजली बिल का एक तिहाई खर्च कम किया जा सकता है।
स्टेशनरी का खर्च भी बचेगा
विवि प्रशासन स्टेशनरी की खरीदी पर हर साल 2.5 लाख खर्च करता है। जानकारों के अनुसार यदि 25 फीसदी कर्मचारी घर से काम करते हैं तो स्टेशनरी पर खर्च होने वाली राशि को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इससे कर्मचारियों को विश्वविद्यालय आने-जाने में लगने वाला फ्यूल खर्च भी बचेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो