रोजगार मेला की नहीं आई तिथि
प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए प्रभावी तरीका रोजगार मेला था। इसके लिए जून एवं जुलाई में तैयारियां भी की गईं थी। लेकिन नियोक्ता और संंबंधित विभागों के बीच समन्वय नहीं होने के कारण इनका आयोजन भी नहीं हो सका। जबकि इसके लिए प्रक्रिया अपनाई गई थी। बकायदा बजट भी जारी किया गया था। इसमें प्रावधान था कि 300 से 500 लोगों के लिए पांच लाख और 500 से अधिक श्रमिकों के मेले के लिए 7 लाख रुपए की राशि का प्रावधान किया गया था। रोजगार संचालनालय, उद्योग एवं श्रम विभाग के माध्यम से यह राशि खर्च होनी थी।
यह है स्थिति
– जिले में सात हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिक आए।
– एक हजार से अधिक नियोक्ताओं ने कराया पंजीयन।
– अब तक करीब 18 सौ लोगों दिया जा सका है रोजगार।
– तकरीबन 450 श्रमिकों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है।
– सबसे ज्यादा 12 सौ रोजगार केवल मनरेगा में।
यहां मिला रोजगार
नियोक्ता–रोजगार
एमएसएमई–01
ठेकेदार-बिल्डर्स–340
प्लेसमेंट एजेंसी– 00
व्यावसायिक प्रतिष्ठान–07