कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियो को डीपीओ शेख वसीम, एडीपीओ देवर्षि पिंचा, जयवीर यादव ने महिला संबंधी अपराधों की विवेचना किस प्रकार की जाए, विवेचना में क्या कमियां रह जाती हैं, जिससे की आरोपी को संदेह का लाभ मिलता है आदि के संबध में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही एफएसएल अधिकारी डॉ. ज्योति शांतिकर ने महिला संबंधी अपराधों एंव पाक्सो एक्ट के प्रकरणों में साक्ष्य कैसे संकलित किया जाय के सबंध मे पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों के प्रश्नों का समाधान भी किया गया ।
कार्यशाला के दौरान पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने कन्ट्रोल रूम से हरी झंडी दिखा कर महिला अपराध एवं नशामुक्ति जागरुकता संबंधी दो रथ रवाना किए। पुलिस अधीक्षक सिंह ने कहा कि नशा निश्चित तौर पर युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है तथा अपराध भी करा रहा है, इसके मद्देनजर 20 से 24 जून तक नशा मुक्ति अभियान प्रदेश स्तर पर चलाया जा रहा है, इसी कड़ी में नशामुक्ति जागरुकता के लिए एक रथ रवाना किया गया है, जो लगातार एक माह तक ऐसे क्षेत्र जहां नशाखोरी की ज्यादा शिकायतें रहती हैं वहां भ्रमण कर लोगों को नशे के दुष्परिणाम और इससे कैसे जीवन बरबाद हो जाता के सबंध मे जानकारी देगा।
साथ ही सभी थाना प्रभारियों को थाना क्षेत्र के ऐसे क्षेत्र जहां पर ज्यादा शराबखोरी की शिकायतें हैं संगोष्ठी आयोजित कर नशे के दुष्परिणामों से लोगों को अवगत कराने निर्देश दिए। इसके साथ ही दूसरा रथ महिला सबंधी अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से रवाना किया गया है। यह रथ भी लगातार एक माह तक चिन्हित किए गए ऐसे क्षेत्र जहां पर महिला सबंधी अपराध ज्यादा होते हैं चलेगा, साथ ही गल्र्स स्कूल कॉलेज एवं कोचिंग संस्थानों के पास भी भ्रमण करते हुए महिला अपराधों के प्रति जागरूप करेगा।
इसके साथ ही कोड रेड टीम को भी निर्देशित किया गया है कि गल्र्स स्कूल, कॉलेज तथा कोचिंग संस्थानों के आसपास उनके लगने एवं छूटने के समय भ्रमण करे और ऐसे शोहदे जो चाय, पान के ठेलों पर खड़े रहते हैं, उन्हे एक बार समझाइश दें ,यदि दुबारा मिलते हैं तो उनके विरुद्ध सबंधित थाने के व्दारा वैधानिक कार्रवाई की जाए।