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वर्ल्ड हैप्पीनेस डे, खास है यह दिन, इसलिए हुई थी शुरुआत

locationजबलपुरPublished: Mar 20, 2020 07:50:53 pm

Submitted by:

reetesh pyasi

अब छोटी-छोटी बातों में भी खोज रहे खुशियों के बहाने
 

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जबलपुर। खुशियां किसी भी रूप में मिल जाती हैं। कभी किसी रूप में कभी किसी रूप में। इन दिनों लोग छोटी-छोटी खुशियों को खोजने के बहाने खोज रहे हैं।
दरअसल लाइफ में टेंशन इतनी ज्यादा है कि अब उन्हें खुश रहने के बहाने खोजने पड़ते हैं, लेकिन यदि उन्हें खुशी का कोई अवसर मिलता है, जो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। ऐसे में किसी को किसी खास के लिए कुछ स्पेशल करने से खुशी मिलती है, तो किसी को घुमने फिरने से खुशी का अहसास होता है। इस वल्र्ड हैप्पीनेस डे के मौके पर आइए जानते हैं लोगों को किस तरह उनकी खुशी जीवन भर के लिए याद रहेगा।
इसलिए मनाते है दिवस
यूनाइटेड नेशन द्वारा 20 मार्च 2012 से इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे मनाते आ रहे हैं। इस दिन की शुरुआत आसपास की चीजों में मिलने वाली खुशियोँ को सेलिब्रेट करना था। वह खुशिया΄ किसी भी जगह, फूड, फिल्म, ड्रेस आदि को ट्राय करने से भी फील की जा सकती है।
ऐसे भी होता मन खुश
हॉस्टलर्स से घर जाते समय।
कैम्पस में दोस्तों के साथ मिलते ही।
मनपसंद पोस्ट शेयर करने पर।
मन की बात दोस्तों से बांटने पर।

महिलाओं की उपलब्धियों से मिलती है खुशी
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना ही वर्तमान में सभी की सोच है।
यही सोच खुशी भी प्रदान करती है। हर वो महिला जो घर से छोटे स्तर पर किसी किस्म के उद्योग को संचालित कर रही हैं जरूरी नहीं कि वह घर से बाहर किसी स्थान पर जाकर इस विषयक सम्बंधित पुरस्कार समारोह मे΄ स्वय΄ की दावेदारी प्रस्तुत कर सके।
इस सोच के चलते शहर की शॉपर्स ग्रुप की डायरेक्टर्स द्वारा ऑनलाइन आवेदन के जरिए डिजिटल पुरस्कार की शुरुआत की गई है। ग्रुप की अर्पिता श्रीवास्तव, गरिमा भटनागर और सेजल पालीवाल ने बताया कि कई महिलाएं ऐसी हैं जो कि घरेलू इकाई के रूप में छोटे स्तर पर उद्योग संचालित करती हैं , लेकिन पारिवारिक प्रतिबद्धता या किसी अन्य जिम्मेदारी के कारण पुरस्कार समारोह में नहीं जा पाती हैं। ऐसे में ग्रुप द्वारा महिला उद्यमियों को डिजिटल पुरस्कार देने का प्रयास किया गया है।

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