डॉक्टर्स ने बातचीत की, तो पता चला कि ब्रेकअप के कारण वह सीवियर साइकेट्रिक डिसीज का शिकार हो गया है और वह आत्महत्या का प्लान कर रहा है। हालांकि उसकी काउंसलिंग की गई, तो वह इस अवसाद से बाहर आ गया। ऐसे कई मामले शहर के अस्पतालों और डॉक्टर्स के पास पहुंच रहे है।
सीवियर साइकेट्रिक डिसीज में शामिल
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मानसिक रोग विभाग के एचओडी डॉ. ओम प्रकाश रायचंदानी ने बताया कि आत्महत्या का ख्याल मन में आना यह कोई परिस्थतिजन्य कारण नहीं है, यह एक प्रकार का मानसिक रोग है, जो धीरे-धीरे पनपता है। यह सीवियर साइकेट्रिक डिसीज की श्रेणी में आता है। कई बार यह बीमारी माइल्ड होती है, तो सपोर्ट सिस्टम के जरिए उसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन गंभीर होने पर मनौवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास आवश्यक रूप से जाना चाहिए और इलाज लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि आत्महत्या के 50 प्रतिशत मामले इसी बीमारी के कारण होते है। कई बार एडजस्टमेन्ट डिस्आर्डर भी होता है, जिस कारण व्यक्ति आत्महत्या करने का प्लान करता है।
छोटे परिवार बड़ी वजह, अकेलापन भी जानलेवा
काउंसल डॉ. शोभना खरे ने बताया कि पहले बड़े परिवार हुआ करते थे। ऐसे में सभी एक दूसरे पर ध्यान देते थे। अब छोटे परिवार में सभी व्यस्त हैं। ऐसे में अकेलापन जानलेवा साबित हो रहा है।
महत्वकांक्षाएं बढ़ा रही परेशानी
मनोवैज्ञानिक डॉ. सुमित पासी ने बताया कि युवाओ में महत्वकांक्षाएं तेजी से बढ़ती है। कम समय में अधिक हासिल करने की इच्छा महत्वकांक्षाओं को जन्म देती हैं। इनके पूरा न हो पाने के कारण वे मानसिक अवसाद में आत्महत्या की राह पकड़ लेते हैं। ऐसे जन्म लेती है आत्महत्या की मनोदशा
- निराशाजनक या बिना किसी उद्देश्य के जीने की बात करना
- दूसरों पर बोझ होने की बात करना
- चिंतित, उत्तेजित या लापरवाह होना
- बहुत कम या बहुत अधिक सोना
- अलग-थलग महसूस करना, अत्यधिक गुस्सा, बदला लेने की चाहत
इन बातों का रखें ध्यान
- पर्याप्त नींद लें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- संतुलित पौष्टिक आहार लें
- नशे के सेवन से बचें, परिजन के साथ समय बिताएं
- मेडिटेशन, योगा को भी दिनचर्या में शामिल करें
- कोई हॉबी विकसित करें, संगीत सुनें या खेलकूद से सम्बंधित गतिविधियों में भाग लें
ये हैं कारण
प्रेम और पढ़ाई में असफलता, बीमारी, दहेज प्रताडऩा, आर्थिक तंगी, शादी के बाद तनाव, पारिवारिक कलह, नशे की लत, मानसिक अवसाद