गोदाम में चावल सुरक्षित रखने का जिम्मा मप्र वेयर हाउसिंग कारपोरेशन का है। देखरेख के लिए मप्र सिविल सप्लाई कारपोरेशन होता है। रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में इस गोदाम में दोनों विभागों के अधिकारी बैठते हैं, फिर भी ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि सिविल सप्लाई कारपोरेशन ने इस बारे में वेयर हाउसिंग कारपोरेशन को पत्र लिखकर चावल को कीड़ों से बचाने के लिए दवा रखने कहा। फ्यूमीगेशन पर ध्यान नहीं दिए जाने से लाखों रुपए का चावल खराब हो गया है। कई बोरे ऐसे हैं जिन्हें सफाई के बिना इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
राशन की दुकानों में आपूर्ति
मप्र सिविल सप्लाई कारपोरेशन से गेहूं एवं चावल की सप्लाई राशन दुकानों में किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि इस गोदाम का चावल जबलपुर सहित अन्य जिलों में सप्लाई किया गया तो कई जगह से चावल खराब होने की शिकायत आई। इस सम्बंध सिविल सप्लाई कारपोरेशन के रिछाई गोदाम के इंचार्ज राजेश बैरागी का कहना है कि इसमें कीड़े लगे थे लेकिन अब दवा का छिड़काव किया गया है। चावल सुरक्षित रखने के लिए मानसून पूर्व और मानसून के बाद सल्फास रखने का प्रावधान है। यही नहीं नियम यह भी है कि हर तीन माह में दवा रखी जाए, लेकिन इसमें लापरवाही की जाती है।
रिछाई गोदाम में रखे चावल में खराबी की शिकायत पर दवा रखने के लिए मप्र स्टेट वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कारपोरेशन के प्रबंधक को पत्र लिखा था। अगर अभी भी चावल खराब है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
अरविंद सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक मप्र सिविल सप्लाई कारपोरेशन
जिस स्टॉक में कीड़े लगे थे, उसकी जांच की गई। दवा रखने के बाद वह नियंत्रित हो गए हैं। कीड़े का कारण ज्यादा तापमान और खराब बारदानों में चावल की सप्लाई भी होती है। अधिकारियों को लगातार निगरानी के लिए कहा है।
सुनील गोखे, क्षेत्रीय प्रबंधक वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कारपोरेशन