नहीं मिल रहे पुरोहित
संस्कारधानी के प्राचीन शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के साथ बेल पत्र, धतूरा, जड़ी बूटियां अर्पित करते हैं। ज्योतिर्विद् जनार्दन शुक्ला के अनुसार सावन में भगवान भोलेनाथ की उपासना निश्चित रूप से सार्थक होती है। तीसरे सोमवार को नागपंचमी और चौथे और अंतिम सोमवार को प्रदोष व्रत का विशेष संयोग है। विशेष मुहूर्त पर अनुष्ठान के लिए आसानी से पुरोहित नहीं मिल रहे हैं। विजय नगर अहिंसा चौक के पूजन सामग्री विक्रेता शिव चौरसिया ने बताया, सावन माह में अनुष्ठान की जड़ी बूटियों की मांग अधिक होती है। ग्राहकों की संतुष्टि के लिए जड़ी बूटियां उपलब्ध कराई जा रही है।
इन जड़ी-बूटियों की मांग
गूगल जटामासी, नागर मोथा, अगर तगर, कमलगट्टा, भोज पत्र, जवा, तिली, अमर बेल, गुरुबेल, समी पत्ती, सप्तधान, लौंग, इलायची, पंच मेवा, धूप, हवन, भांग, भस्म, गुलाल, अभ्रक, चंदन, अष्टगंध चंदन, शहद, कपूर, सिंदूर, हल्दी, आम की लकड़ी, केशर, चमेली का तेल, सुपारी रोरी और नारियल आदि।
शहर में शिवालय
गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, गैबीनाथ महादेव मंदिर, शिव-पार्वती मंदिर भरतीपुर, कांच मंदिर जिलहरी घाट, शिव-पार्वती मंदिर देवताल, भगवान बद्रीनाथ मंदिर पिसनहारी की मढि़या, पशुपतिनाथ मंदिर लम्हेटाघाट, भगवान शिव मंदिर पाटबाबा पहाड़ी, बादशाह हलवाई मंदिर पोलीपाथर, कचनार सिटी शिव मंदिर विजयनगर।
गुप्तेश्वर मंदिर में प्रतिदिन अलग शृंगार
गुप्तेश्वर स्थित शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ का प्रतिदिन अलग-अलग शृंगार किया जाता है। रविवार को महादेव का बजरंग शृंगार किया जाएगा।