scriptyoung boy rape case : लडक़े दोनों हाथ बेकार, फिर कैसे किया बलात्कार, हाईकोर्ट के सवाल पर पुलिस मौन | young boy rape case: police imposed rape case of handicapped boy | Patrika News

young boy rape case : लडक़े दोनों हाथ बेकार, फिर कैसे किया बलात्कार, हाईकोर्ट के सवाल पर पुलिस मौन

locationजबलपुरPublished: Aug 20, 2019 12:47:20 pm

Submitted by:

Lalit kostha

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व शहर के तीन थानों की पुलिस को नोटिस जारी कर पूछा,
जिम में कसरत करते समय बिना वजह उठा लिया,
बलात्कार जैसी वारदात को कैसे अंजाम दे सकता है,
परिवाद पेश करने से चिढ़े,

बलात्कार जैसी वारदात को कैसे अंजाम दे सकता है

बलात्कार जैसी वारदात को कैसे अंजाम दे सकता है

जबलपुर। पुलिस चाह ले तो रस्सी को सांप और सांप को रस्सी सिद्ध कर सकती है। आम आदमी चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता है। ऐसा ही मामला जबलपुर पुलिस का सामने आया है। मप्र हाईकोर्ट ने उस याचिका को गम्भीरता से लिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस की प्रताडऩा से याचिकाकर्ता युवक के दोनों हाथ बेकार हो गए। इसके खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर करने पर पुलिस ने उस पर बलात्कार का झूठा केस लगा दिया। जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार, एसपी, माढ़ोताल, अधारताल व विजयनगर पुलिस थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर पूछा कि ऐसा कैसे किया गया? सभी से कोर्ट ने स्पष्टीकरण देने को कहा।


यह है मामला
आम्बेडकर कॉलोनी अधारताल, जबलपुर निवासी अमित जोशी ने याचिका दायर कर कहा कि उसे माढ़ोताल थाना पुलिस ने विजयनगर के पास जिम में कसरत करते समय बिना वजह उठा लिया। 18-19 अप्रैल 2019 को दो दिन उसे लॉकअप में रखा गया। इस दौरान उसे पीटा गया, करंट लगाया गया। यहां तक कि उसके दोनों हाथ बेकार हो गए। दो दिन बाद उसे प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया। वहां उसने मारपीट की बात व निशान बताए। इस पर उसकी चिकित्सकीय जांच कराने के निर्देश दिए। लेकिन पुलिस ने नहीं कराई।


परिवाद पेश करने से चिढ़े
जमानत पर रिहा होने के बाद वह मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो गया। वहां चिकित्सकों ने बताया कि उसके दोनों हाथ बेकार हो गए हैं। इस पर उसने पुलिस के खिलाफ जिला अदालत में परिवाद पेश कर दिया। इससे चिढकऱ आरक्षक राजेश वर्मा ने माढ़ोताल पुलिस के साथ 29 मई को उससे फिर मारपीट की। एसपी से शिकायत पर सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज किया गया। लेकिन, आरक्षक वर्मा ने मिलीभगत कर अधारताल थाने में जून 2019 में उसके खिलाफ बलात्कार का झूठा प्रकरण दर्ज करवा दिया। अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडे ने तर्क दिया कि मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट के आधार पर आवेदक के दोनो हाथ काम नहीं कर रहे हैं। वह बलात्कार जैसी वारदात को कैसे अंजाम दे सकता है?

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