मीटर फॉल्ट : कभी-कभी घर के मीटर में खराबी आने से लोकल फॉल्ट आ जाता है। ऐसा लोड बढऩे या घटने से होता है।
प्रभावित उपभोक्ता : एक
निराकरण में लगने वाला समय : एक घंटा
प्रभावित उपभोक्ता : एक
निराकरण में लगने वाला समय : एक घंटा
विद्युत पोल : तेज हवा चलने या बारिश होने से बिजली लाइन के तार टकराने या शॉर्ट होने से बिजली गुल हो जाती है।
प्रभावित उपभोक्ता : औसतन 20
सुधार कार्य में लगता है समय : 45 मिनट
प्रभावित उपभोक्ता : औसतन 20
सुधार कार्य में लगता है समय : 45 मिनट
ट्रांसफॉर्मर : लोड बढऩे से ट्रांसफॉर्मर में शॉर्ट सर्किट सहित अन्य तकनीकी खामियां आने से बिजली गुल होती है।
उपभोक्ताओं की संख्या : औसतन 200-300
सुधार कार्य में लगने वाला समय : 40 मिनट फीडर : फीडर में समस्या आने पर बिजली आपूर्ति बाधित होती है। इससे दूसरे स्थान पर आई तकनीकी खराबी सुधारी जाती है।
्रप्रभावित उपभोक्ता : चार से पांच हजार
सुधार कार्य में लगता है समय : 40 मिनट
उपभोक्ताओं की संख्या : औसतन 200-300
सुधार कार्य में लगने वाला समय : 40 मिनट फीडर : फीडर में समस्या आने पर बिजली आपूर्ति बाधित होती है। इससे दूसरे स्थान पर आई तकनीकी खराबी सुधारी जाती है।
्रप्रभावित उपभोक्ता : चार से पांच हजार
सुधार कार्य में लगता है समय : 40 मिनट
सब स्टेशन : यहां तकनीकी खराबी आने पर अन्य शिकायतों से पहले सब स्टेशन के फॉल्ट को सुधारा जाएगा।
उपभोक्ताओं की संख्या : तीन से आठ हजार तक
निरारकण में लगने वाला समय : 30 मिनिट
1500 शिकायतें रोज
गर्मी में प्रतिदिन औसतन 1500 शिकायतें बिजली अधिकारियों के पास पहुंचती हैं। तेज हवा या अंधड़ चलने पर शिकायतों का आंकड़ा दो हजार तक पहुंच जाता है। इससे टीमें हर जगह तत्काल नहीं पहुंच पातीं। योजना के तहत यह भी प्रयास किए जा रहे हैं कि उपभोक्ता की शिकायत सुनने के बाद उसे निराकरण में लगने वाले समय की जानकारी भी दी जाएगी। इससे उपभोक्ता मानसिक रूप से तैयार रहेगा।
वर्जन
प्राथमिकता के आधार पर शिकायतों का निराकरण किया जाता है। इसके लिए एक्शन प्लान बनाया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी न हो।
प्रकाश दुबे, चीफ इंजीनियर, जबलपुर सम्भाग, मप्रपूक्षेविविकंलि
उपभोक्ताओं की संख्या : तीन से आठ हजार तक
निरारकण में लगने वाला समय : 30 मिनिट
1500 शिकायतें रोज
गर्मी में प्रतिदिन औसतन 1500 शिकायतें बिजली अधिकारियों के पास पहुंचती हैं। तेज हवा या अंधड़ चलने पर शिकायतों का आंकड़ा दो हजार तक पहुंच जाता है। इससे टीमें हर जगह तत्काल नहीं पहुंच पातीं। योजना के तहत यह भी प्रयास किए जा रहे हैं कि उपभोक्ता की शिकायत सुनने के बाद उसे निराकरण में लगने वाले समय की जानकारी भी दी जाएगी। इससे उपभोक्ता मानसिक रूप से तैयार रहेगा।
वर्जन
प्राथमिकता के आधार पर शिकायतों का निराकरण किया जाता है। इसके लिए एक्शन प्लान बनाया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी न हो।
प्रकाश दुबे, चीफ इंजीनियर, जबलपुर सम्भाग, मप्रपूक्षेविविकंलि