गिरफ्तार 18 वर्षीय युवक ने पुलिस की पूछताछ में गुनाह कबूल किया। सात ही बताया कि वो हर्षद मेहता को अपना आदर्श मानता है और उस पर बनी वेब सीरीज देखने के बाद ही उसे फर्जीवाड़े का ये विचार दिमाग में आया। इसके तहत उसने एक डॉक्टर को फंसाने की कोशिश की।
बताया जा रहा है कि युवक ने इंटरनेट की मदद से तहसीलदार और कलेक्टर की फर्जी सील और साइन तैयार कर लिया। फिर आरोपी मोहम्मद हमजा ने केजीएन अस्पताल के डॉक्टर अब्दुल रशीद को पहले तहसीलदार के नाम से एक नोटिस भेजा। इसमें कहा गया कि अस्पताल बनाने के मापदंड पर केजीएन अस्पताल खरा नहीं उतरता है लिहाजा आपका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा। इसके बाद आरोपी ने डॉक्टर को फोन कर के दो लाख रुपये की मांग की।
हालांकि डॉक्टर ने पहले नोटिस और फोन पर गौर नहीं किया। ऐसे में आरोपी ने कलेक्टर की फर्जी सील और साइन तैयार कर एक और फर्जी आदेश जारी कर दिया। इसमें उसने लिखा कि मापदंड पूरे नहीं करने के चलते आपके अस्पताल को सील करने के आदेश जारी किए जाते हैं। कलेक्टर के आदेश के बाद डॉक्टर अब्दुल रशीद ने हकीकत जानने की कोशिश तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, तब उन्होंने इस घटनाक्रम से पुलिस को अवगत कराते हुए शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बाद साइबर सेल की मदद से हमजा को ढूंढ कर गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि कुछ समय पहले उसके पिता का इलाज जीएन अस्पताल में हुआ था, जिसके बाद उसने डॉक्टर को ठगने की योजना बनाई। उसने बताया कि ठगने का आइडिया उसने हर्षद मेहता की वेब सीरीज को देख कर लिया था। अब पुलिस आरोपी से पूछताछ कर ये जानने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह तो सक्रिय नहीं है।