जबलपुर। मौजूदा दौर में जब गांव के युवा और किसानों के बच्चे बेहतर भविष्य और मल्टीनेशनल कंपनियों की नौकरी की तलाश में बड़े शहरों में दस्तक दे रहे है। वहीं, कुछ युवा एमएनसी के लाखों रुपए के सैलरी पैकेज को छोड़कर खेती को अपना रहे है। प्रदेश के ये युवा खेती में नई तकनीक और नए प्रयोगों से कृषि को नई दिशा दे रहे है। ये युवा न केवल खेती के जरिए अपने व्यापार को विस्तार दे रहे है। बल्कि ये ग्रामीणों को
रोजगार उपलब्ध करा रहे है। इन युवाओं का हौसल ही है कि कृषि में अभिनव प्रयोगों से फसल उत्पादन के नए रिकॉर्ड बना रहे है। फॉर्मर-डे के अवसर पर प्रस्तुत है ऐसे ही कुछ युवा किसानों के हौसले और खेती में उनके द्वारा स्थापित की गई मिसाल पर एक रिपोर्ट
1.5 करोड़ रुपए का लोन लिया एमबीए डिग्रीधारी रामघाट शहपुरा के नितिन द्विवेदी ने पांच साल पहले जब पॉली हाउस की शुरुआत की तो उसके फै सले ने सभी को हैरान कर दिया। अब वे टिशु कल्चर से पौधे विकसित कर रहे हैं। नितिन उद्यानिकी फसलों केला, अनार बीज रहित नींबू, पपीता, मुनगा, आर्नामेंटल फसल जरबेरा, एंथोरियम, आर्किड, इमारती सागौन, बांस की पौध तैयार कर रहे हैं। उनके द्वारा तैयार की गई पौध की जबलपुर व प्रदेश के दूसरे स्थानों के साथ ही राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र में आपूर्ति की जा रही है। इस प्रोजेक्ट पर 30 लोगों की टीम काम कर रही है। यूनिट में हर साल 25 लाख पौधे तैयार होते हैं। नितिन ने बैंक से 1.5 करोड़ रुपए लोन लेकर टिशु कल्चर लैब की शुरुआत की थी। स्टार्टअप के लिए उन्हें उद्यानिकी विभाग ने भी 40 प्रतिशत अनुदान दिया।
जैविक खेती की मिसालआज के दौर में खेती रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों पर निर्भर होती जा रही है, लेकिन मगरमुंहा के किसान राहुल सिंह परिहार व शैलेन्द्र सिंह पटेल ने जैविक खेती की अनुकरणीय मिसाल पेश की है। वे मक्का की जैविक खेती कर प्रति एकड़ 20 से 25 क्विंटल उत्पादन कर रहे हैं। वे गोबर की खाद का उपयोग करते हैं। कीटनाशक के तौर पर नीम की पत्ती, गौ-मूत्र, गुड़, लहसुन, अदरक , धतूरा पत्ती व पानी से मिले मिश्रण का छिड़काव करते हैं। इसी तरह फु लर गांव के विनय सिंह ठाकुर ने भी जैविक खेती के क्षेत्र में अलग पहचान बनाई है। वे 20 साल से 30 एकड़ में जैविक खेती कर रहे हैं।
धान उत्पादन का बनाया रिकॉर्डअपनी मेहनत, लगन व वैज्ञानिक तकनीक की मदद से शहपुरा गडऱ पिपरिया के किसानों मनोज, नरेन्द्र व सुनील पटेल ने एक एकड़ में 57 क्विंटल हाइब्रिड धान उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया। जिले में एक एकड़ में किसी किसान द्वारा किया गया यह सर्वाधिक उत्पादन है। वे निजी व सिकमी की जमीन (130 एकड़ में) खेती करते हैं।