जबलपुरPublished: Jun 07, 2019 12:24:41 pm
santosh singh
गोहलपुर पुलिस ने एक वर्ष बाद दर्ज किया प्रकरण
sucide
जबलपुर. गोहलपुर थानांतर्गत शांतिनगर त्रिमूर्तिनगर निवासी 33 वर्षीय युवक की आत्महत्या के एक साल बाद पुलिस को जांच में पता चला कि उसने प्रताडि़त होकर आत्मघाती कदम उठाया था। पुलिस ने प्रकरण में एक महिला सहित तीन लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने और धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज
किया।
छह लाख में प्लॉट का किया था अनुबंध
पुलिस के अनुसार त्रिमूर्तिनगर निवासी बिट्टू उर्फ देवेश शर्मा ने 2014 में करमेता में 1200 वर्गफीट का प्लॉट खरीदने के लिए सन्मतिनगर अधारताल निवासी चंद्रावती श्रीवास्तव, त्रिमूर्ति नगर आकाश सोनी व शांतिनगर निवासी रूपेश नौगरैया से अनुबंध किया था। प्लॉट चंद्रावती श्रीवास्तव के नाम पर था। इसके एवज में उसने छह लाख रुपए दिए थे। छह महीने में अनुबंध करने के लिए तीनों ने कहा था।
प्लॉट मालिक के नाम पर दूसरी महिला को पेश कर दिया
रजिस्ट्री नहीं होने पर देवेश चार मार्च 2015 को प्लॉट पर गया तो पता चला कि जिस चंद्रावती श्रीवास्तव नाम की महिला ने उससे अुनबंध किए थे, वह फर्जी है। देवेश इसके बाद आकाश के घर गया, तो वहां उसकी पत्नी मिली। उसने फर्जीवाड़े की जानकारी दी तो वह विवाद करने लगी। फिर खुद अपने ऑटो व वैन पर पथराव कर थाने में शिकायत दर्ज करा दी।
विजय नगर थाने में 2015 में की थी शिकायत
देवेश ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत पांच मार्च 2015 को विजय नगर थाने में दी थी। तब कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्लॉट के फर्जीवाड़े में घर की जमापूंजी गंवाने और आरोपियों द्वारा रोज-रोज की धमकी से तंग आकर तीन जून 2018 को उसने फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली थी।
इनके बयानों से पुलिस को मिली दिशा-
पुसिल ने मर्ग जांच के दौरान देवकुमार शर्मा, लता शमा्र, प्रियंका शमा्र, पप्पू शुक्ला, रीतेश केशरवानी, रतन ठाकुर, अखिलेश तिवारी, संजीव कुमार जैन, श्यामसुंदर अग्रवाल, गोलू विश्वकर्मा, भरत के बयान दर्ज किए तो सच सामने आ गया।