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महिला शिक्षिका का भरोसा जीतकर पड़ोसी युवक ने लगाई 3.25 लाख की चपत

locationजबलपुरPublished: Aug 18, 2020 11:34:28 pm

Submitted by:

santosh singh

-डेबिड कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर का अनाधिकृत उपयोग किया- महिला के खाते से रकम पहले पेटीएम में और फिर खुद व पिता के खाते में ट्रांसफर कर लिया

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state cyber police registered the case and arrested the accused

जबलपुर। महिला शिक्षिका के तकनीकी अनभिज्ञता का बेजा फायदा उठाते हुए पड़ोसी युवक ने पहले भरोसा जीता और फिर उसके डेबिट कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर का अनाधिकृत उपयोग कर उसके खाते से 3.25 लाख रुपए निकाल लिए। आरोपी ने उक्त रकम पहले पेटीएम में ट्रांसफर किए और फिर उसे खुद के और पिता के बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया। राज्य सायबर पुलिस ने प्रकरण दर्ज करते हुए आरोपी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। मामले में उसके पिता को भी आरोपी बनाने की तैयारी में पुलिस जुटी है।
एसपी अंकित शुक्ला ने बताया कि बघराजी कुंडम निवासी मंत्रो उरांव शिक्षिका हैं। उनका एक मकान पोलीपाथर में भी है। बघराजी कुंडम स्थित पैतृक गांव में उनके पड़ोस में स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर कार्यरत हर्ष शर्मा का मकान है। मंत्रो उरांव कम पढ़ी-लिखी हैं। इस कारण हर्ष पैसे निकलवाने आदि में मदद लेती थी। मंत्रों उरांव के खाते लॉकडाउन में 3.25 लाख रुपए निकल गए तो वह शिकायत करने पहुंची। सायबर सेल ने प्रकरण में धारा धारा 420, 419 भादवि. 66डी, 66सी आईटी एक्ट का प्रकरण दर्ज किया।
जांच में ये बात आयी सामने-
एसपी शुक्ला के निर्देश पर निरीक्षक हरिओम दीक्षित, एसआई पंकज साहू की टीम ने मामले को जांच में लिया। बैंक से फ्रॉड ट्रान्जेक्शन की जानकारी ली गई तो पता चला कि उनके खाते से विभिन्न तारीखों में हर्ष शर्मा और उसके पिता मुरली शर्मा के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। इसके अलावा आरोपी ने डेबिड कार्ड का उपयोग विभिन्न मोबाइल नम्बर को रिचार्ज करने, पम्प से पेट्रोल डलाने, बाइक की किस्त चुकाने में किया है। प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही हर्ष शर्मा फरार चल रहा था। सोमवार की रात दबिश देकर आरोपी को दबोच लिया।
ये किया खुलासा-
आरोपी हर्ष शर्मा ने पूछताछ में पिता के साथ मिलकर उक्त कृत्य को अंजाम देना स्वीकार किया। बताया कि मंत्रो उरांव से एटीएम कार्ड लेकर फोटो मोबाइल में सेव कर ली। फिर जब भी मौका मिलता एटीएम कार्ड की जानकारी का उपयोग करके रकम अपने पेटीएम अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता। इसके लिए ओटीपी की जानकारी वह महिला का मोबाइल लेकर प्राप्त कर लेता था। मंत्रो उरांव का मोबाइल इसी बीच खराब हो गया तो गांव के दुकान में ठीक करने के लिए दे दिया। वह शहर वाले मकान आकर रहने लगी। तभी लॉकडाउन लग गया। उधर आरोपी हर्ष ने दुकान से उनका मोबाइल प्राप्त किया और एक हफ्ते में उसने 2.50 लाख रुपए महिला के खाते से निकाल लिए।
इस तरह पता चला-
महिला सैलरी सम्बंधी कार्य से बैंक पहुंची तो खाते से कुल 3.25 लाख रुपए निकाले जाने की जानकारी हुई। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से उसका मोबाइल, बैंक की पासबुक, महिला का फोन जब्त किया। आरोपी को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार फ्रॉड राशि के बराबर बंधपत्र प्रस्तुत करने पर सशर्त जमानत दी गई।

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