Stadium में खिलाड़ी नहीं इनका रहता है राज, रोज होते हैं ये खेल
शाम होते ही शुरू हो जाती है शराबखोरी, महिलाओं से करते हैं छेडख़ानी

जबलपुर . ‘पट्टियों पर पड़ी शराब की बोलतें, पानी के पाउच, सिगरेट के पैकेट और चटकारे लेने पेपर में लिपटी नमकीन। यह नजारा किसी अहाता या बार का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे नगर के अरुणाभ घोष स्टेडियम का है, जिसे शराबियों ने अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया है’। शराबखोरी के चलते यहां से निकलने वाली महिलाओं के साथ आए दिन छेडख़ानी की घटनाएं होती हैं, जिनके कारण महिलाओं का गुजरना मुश्किल हो गया है।
आराम से रहते हैं शराबी
रात में स्टेडियम का जायला लेने पर स्थिति चौंकाने वाली मिली। मैदान के बीच में शराब की बोतलें यहां-वहां पड़ी थीं। शाम होते ही पूरी व्यवस्था के साथ शराबी यहां पहुंचते हैं। आराम से बैठकर जमकर शराब पीते और बोलतें स्टेडियम की पट्टियों में छोडक़र चले जाते हैं। कभी-कभी तो नशे में चूर शराबी बोतलों को फोड़ भी देते हैं। इन्हें न कोई रोकने वाला और न टोकने वाला।अरुणाभ घोष स्टेडियम तीन तरफ से खुला है। रात के समय ताला भी बंद नहीं होता, जिसके कारण शराब के शौकीन आसानी से अंदर प्रवेश कर जाते हैं। मुख्य गेट के अलावा दो गेट और हैं, जो रात के समय खुले रहते हैं। कम रोशनी और अंधेरा होने के कारण शराबियों ने इसे अपना सुरक्षित अड्डा बना रखा है।
पुलिस नहीं देती ध्यान
स्टेडियम में गश्त के दौरान पुलिस ध्यान नहीं देती है, जबकि यहां शराबियों का जमघट अंधेरे में लगता है। लेकिन पुलिस कभी भी यहां नहीं पहुंचती, जिससे शराबी बेखौफ होकर शराब पीते रहते हैं। स्टेडियम के बीच में भी शराब की बोतलें पड़ी रहती हैं। सुबह मैदान पर टहलने और दौड़ लगाने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मैदान में टूटी पड़ी कांच की बोतलों के कारण कई बार यहां आने वाले खिलाड़ी भी घायल हो चुके हैं। सिहोरा के एसडीओपी अशोक तिवारी के अनुसार स्टेडियम में बैठकर शराब पीने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों का बक्शा नहीं जाएगा। रात के समय गश्त करने वालों को निर्देशित किया जाएगा।
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