गौरतलब है कि आईजी विवेकानंद सिन्हा के हाथों डायल 112 का शुभारंभ 4 सितंबर को कृषि महाविद्यालय आडिटोयिम में किया गया था। इसके बाद से ही जिले के विभिन्न थानों और चौकी क्षेत्रों में डायल 112 की 10 वाहनों से 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं दे रही हैं। केवल 10 मिनट के भीतर शहरी और 30 मिनट में ग्रामीण क्षेत्रों में पीडि़तों को 300 मामलों में राहत पहुंचाया जा चुका है। कंट्रोल रूम से मिली ताजा जानकारी के अनुसार सीएसपी हेमसागर सिदार ने बताया कि हर दिन औसतन 25 से 30 मामले डायल 112 को मिल रहे हैं। उन्होंने बताया लोगों को 112 के बारे में जानकारी हो रही है। वे जागरूक होकर क्राइम, फायर ब्रिगेड, एक्सीडेंट, मारपीट, विवाद, एंबूलेंस इत्यादि मामलों में इस नंबर पर कॉल कर रहे हैं। उन्होंने बताया हाल ही में इंद्रावती नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या की कोशिश करने वाले युवक की जान डायल 112 की टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाई थी। उसी तरह आड़ावाल में आगजनी में पहुंचकर काबू में पाया गया था। डायल 112 में सबसे अधिक एक्सीडेंट, मारपीट व पति-पत्नी विवाद जैसे अधिक मामलें मिल रहे हैं।
डायल 112 इसलिए है जरूरी
पुलिस ने डायल 100 बंद कर डायल 112 जारी किया है। इसमें क्राइम से संबंधित सभी शिकायत, विवाद, चोरी, डकैत, मारपीट जैसी घटनाओं की तत्काल शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए आपको थाने जाने की अनिवार्यता नहीं है। आपकी शिकायत रायपुर स्थित हेड क्वाटर्स से संबंधित क्षेत्र में उपस्थित सबसे नजदीकी पुलिस को भी जाएगी। जिसकी मॉनिटरिंग रायपुर हेड क्वार्टर से होगी। तत्काल केस हेंडओवर करने के बाद सबसे नजदीक 112 की टीम मौके पर पहुंचकर उचित कदम उठाकर पीडि़त को राहत दिलाती है।
जागरूकता के अभाव में कुछ कर रहे 100 डायल
जानकारी के अभाव में अब भी कुछ लोग 100 नंबर डायल कर रहे हैं, जिस बंद कर दिया गया है। हालांकि तकनीक की मदद से 100 नंबर पर डायल करने पर 112 में डायवर्ट किया जा रहा है, ताकि किन्ही भी परिस्थितियों में पीडि़त को राहत मिल सके ।