scriptबस्तर संभाग में 12 ऐसे मुद्दे जिनकी अनदेखी से भाजपा की हुई हार, कांग्रेस ने इसी को बनाया मुद्दा | 12 issues which the BJP lost by ignoring and congress win election | Patrika News
जगदलपुर

बस्तर संभाग में 12 ऐसे मुद्दे जिनकी अनदेखी से भाजपा की हुई हार, कांग्रेस ने इसी को बनाया मुद्दा

कुछ ने खुले तौर पर तो कुछ ने दबी जुबान से अपनी राय जाहिर की।

जगदलपुरDec 14, 2018 / 05:13 pm

चंदू निर्मलकर

Chhattisgarh news

बस्तर संभाग में 12 ऐसे मुद्दे जिनकी अनदेखी से भाजपा की हुई हार, कांग्रेस ने इसी को बनाया मुद्दा

जगदलपुर. बस्तर संभाग के विधानसभा चुनाव के जनादेश के बाद यहां से भाजपा की रवानगी हो गई है। एकमात्र दंतेवाड़ा की सीट को छोड़ दिया जाए तो बाकी बचे 11 सीटों पर कहीं करारी तो कही मामूली बढ़त से कांग्रेस ने चोट पहुंंचाई है। पत्रिका ने जागरुक मतदाताओं से चर्चा में ऐसे मुद्दों पर बात करी जिन्होंने भाजपा को हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया। कुछ ने खुले तौर पर तो कुछ ने दबी जुबान से अपनी राय जाहिर की।
इनमें नई योजनाओं से लेकर समस्या व भ्रष्टाचर से लेकर भाई- भतीजावाद पर आम जन ने जमकर चर्चा की। शहरी इलाके में पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार का बोलबाला रहा वहीं ग्रामीण इलाके में सड़क, बिजली, आंगनबाड़ी व रसोइया की स्थिति को लेकर लोगों ने पूर्ववर्ती सरकार को आड़े हाथों लिया। पूर्व भाजपा सरकार ने सत्ता पर काबिज होते ही आउट सोर्सिंग का सहारा लिया।
इसने स्थानीय बेरोजगारों को नाराज कर दिया। इसके बाद इस मसले को कांग्रेस ने चुनावी मुद्दा बनाया पर वे भी इसे कुछ दिनों बाद इसे भूल गए। इसके चलते जिले के स्कू ल, मॉडल स्कूल, मॉडल कालेज या तो शिक्षक विहीन हो गए या फिर वहां बाहरी उम्मीदवारों ने जगह बना ली। खुलासा हुआ कि बड़ेे पैमाने पर एनजीओ से लेनदेन कर यह सौदा सरकार ने किया। इसके बाद नगरनार के निजीकरण और प्रभावितों को रोजगार ने भाजपा को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया।
इस मामले को लेकर छोटे बड़े कई आंदोलन हुए। राजनेताओं ने भी आश्वासन की बोछार कर दी। पर उहापोह अब तक कायम है। इससे जुड़े अन्य सहयोगी खूंटपदर गोलीकांड और बस्तर परिवहन संघ को भंग करना ने भाजपा की राह में रोड़ा का काम किया। सत्तारुढ भाजपा को इनकी अनेदखी भारी पड़ी। यह गुस्सा भी कांग्रेस के वोट में तब्दील हो गया। बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर मेडिकल कालेज, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के दावे ने इन्हें जुमलेबाज सरकार की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। महारानी अस्पताल को लेकर कांग्रेस के आंदोलन ने आम जनों का ध्यान खींचा और कांग्रेस को इसका लाभ भी मिला।
आंगनबाडी सहायिका, रसोइया संघ, रोजगार सहायक, नर्स, शिक्षा प्रेरक, स्वास्थ्य कर्मी के साथ ही अन्य तृतीय व चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की हड़ताल को सख्ती से कुचलने ने इस वर्ग के साथ ही इनके परिवारजनों को भी भाजपा से दूर ला दिया। इसमें आग में घी का काम पुलिस कर्मियों के परिजनों के हड़ताल ने किया। मामूली सुविधाओं की मांग पर इनमें से कई को निलंबन तक की सजा उठाकर चुकानी पड़ी। वन, वनोपज व वन्यप्राणियों के नाम पर करोड़ों के वारे न्यारा करना और बस्तर में अवैध वन कटाई को लेकर जनप्रतिनिधियों की खामोशी ने आम जन के साथ ही वनवासियों को नाराज किया। इन सभी के अलावा भ्रष्ट अधिकारी- कर्मचारियों को शह, स्थानांतरण, मनचाही जगह पर पोस्टिंग व उन पर कार्रवाई नहंी करने से भी पब्लिक नाराज हुई।

‘सेटिंग’ और ‘जुगाड़’ शब्द हुआ दर्ज
भाजपा के शासनकाल में ‘सेटिंग’ और ‘जुगाड़’ का सर्वमान्य व व्यापक उपयोग हुआ। भाई भतीजावाद, ठेकेदारी व सप्लाई के काम में इन दोनों शब्दों ने लालफीताशाही को बढ़ावा दिया। इसने बता दिया कि सत्ता में समीकरण बिठाने व साधारण से काम के लिए भी अर्थ का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। भुक्तभोगियों ने बताया कि इन सारे कामों के शार्टकट ने भी लोकप्रिय व प्रमुख प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचाने कोई कसर नहीं छोड़ी है।

Home / Jagdalpur / बस्तर संभाग में 12 ऐसे मुद्दे जिनकी अनदेखी से भाजपा की हुई हार, कांग्रेस ने इसी को बनाया मुद्दा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो