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छत्तीसगढ़ में चार साल के भीतर 15 फीसदी कैंसर रोगी बढ़े, हर दिन तीन रोगियों की जा रही जान

locationजगदलपुरPublished: Jun 16, 2022 11:56:49 pm

मनीष गुप्ता
जगदलपुर। छतीसगढ़ में पिछले चार वर्षों के दौरान कैंसर रोगियों की संख्या में 15 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। आईसीएमआर के नेशनल रजिस्ट्री प्रोग्राम के अनुसार वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ में कैंसर के 26443 मरीज दर्ज हुए थे जो कि वर्ष 2021 में बढक़र 30981 हो गए हैं। इन चार वर्षों में 4538 मरीजो की वृद्धि हुई है।एनसीडीआईआर के मुताबिक राज्य में कैंसर से हुई मौतों का आंकड़ा भी डराने वाला है वर्ष 2021 में मौत का आंकड़ा 20071 पहुंच गया है जो कि गत वर्ष के मुकाबले 1083 अधिक है।

छग में कैंसर के मरीजो में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक

कैंसर की सर्वाधिक वृद्धि वाले टॉप टेन राज्यो में शुमार है छतीसगढ़

तेजी से कैंसर वाले टॉप टेन राज्यों में शामिल हुआ छत्तीसगढ़
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च की हाल ही जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना काल मे कैंसर के मरीजो की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। देश में इस समय 13.9 लाख मरीज हैं, जिनमे से 7.1 लाख महिला तथा 6.8 लाख पुरुष हैं। यदि यही रफ्तार जारी रही तो वर्ष 2025 तक देश मे कैंसर मरीजो की संख्या बढक़र 15.7 लाख तक पहुंच सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा संसद में जारी आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2020 में उत्तरप्रदेश में कैंसर का आंकड़ा 2 लाख को पार कर गया है जो कि देश मे सर्वाधिक है इसके बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार का नम्बर है जिन राज्यो में कैंसर मरीजो की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है छग उन राज्यो को टॉप टेन सूची में शामिल है ।
आदिवासी इलाकों में बढ़ रहे मरीज
बस्तर-सरगुजा में कैंसर के मरीजो की संख्या लगातार बढ़ रहे हैं पर इलाज की कोई बेहतर व्यवस्था मौजूद नहीं है। बस्तर संभाग के 7 जिलों में से मात्र जगदलपुर के मेकॉज और महारानी अस्पताल में ही एक-एक डॉक्टर पदस्थ हैं। शेष जिलों कोई भी डॉक्टर नहीं है। बस्तर में पिछले एक वर्ष में 1988 मरीजो की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 546 लोगों को कीमोथेरिपी शुरू की जा चुकी है। सरगुजा क्षेत्र में भी कमोबेश यही स्थिति है। सिर्फ बिलासपुर सिम्स में कैंसर मरीजों का इलाज हो पा रहा है। जगदलपुर के महारानी अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. भंवर शर्मा बताते हैं कि बस्तर में जो कैंसर के मरीज आ रहे हैं उनमें 65 फीसदी महिलाएं हैं। यहां तम्बाकू और शराब के ज्यादा प्रयोग के कारण पुरुषों व महिलाओं में मुंह का कैंसर अधिक पाया जा रहा है। इसके अलावा महिलाओं में ब्रेस्ट व गर्भाशय के भी काफी मरीज सामने आ रहे हैं।
कैंसर से मौत के आंकड़े भी भयावह
कैंसर से हो रही मौत के सम्बंध में एनसीडीआईआर द्वारा देशभर के आंकड़े जारी किए गए हैं, उनके मुताबिक वर्ष 2018 में देश भर में कैंसर से 7,33,139,वर्ष 2019 में 751517 मौत तथा वर्ष 2020 में 770230 लोगों की मौत हुई है। राज्यवार आंकड़ो में छत्तीसगढ़ के आंकड़े भी काफी चौंकाने वाले है । वर्ष 2014 में जहां राज्य में कैंसर से 14472 लोगो की मौत हुई 2015 में 15221,2016 में 16030 मौतें हुई है वर्ष 2021 में मौत का आंकड़ा बढक़र 20071 पहुंच गया है। इस प्रकार कैंसर से राज्य में प्रतिदिन औसतन 3 लोगो की मौत हो रही है।
कैंसर का इलाज कराने में कंगाल हो रहे लोग
छतीसगढ़ में कैंसर का इलाज सिर्फ रायपुर और बिलासपुर में ही संभव है बाकी जगहों पर इलाज की कोई व्यवस्था नही है। राज्य के दूरस्थ अंचल से जब लोग इलाज कराने राजधानी जाते है तो उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़ते हंै। सुकमा निवासी देवीसिंह के पिता दुकालू को मुंह का कैंसर है। वह रायपुर के अस्पताल में इलाज करवा रहा है। उसका आयुष्मान कार्ड नहीं है। अब तक 2 लाख से अधिक खर्च हो चुके हैं। अब पैसे खत्म हो गए हैं तो पिता के इलाज के लिए खेत गिरवी रखने पर मजबूर हो गया है। रीजनल कैंसर सेंटर रायपुर के प्रभारी ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ प्रदीप चंद्राकर कहते है कि जागरूकता के अभाव में समय पर डायग्नोसिस न हो पाने के कारण पचास फीसदी से अधिक मरीजों को तीसरे या चौथे चरण में कैंसर का पता चलता है लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। उन्होंने बताया कि यदि प्रारंभिक अवस्था मे कैंसर का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है।
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