बस्तर-सरगुजा में कैंसर के मरीजो की संख्या लगातार बढ़ रहे हैं पर इलाज की कोई बेहतर व्यवस्था मौजूद नहीं है। बस्तर संभाग के 7 जिलों में से मात्र जगदलपुर के मेकॉज और महारानी अस्पताल में ही एक-एक डॉक्टर पदस्थ हैं। शेष जिलों कोई भी डॉक्टर नहीं है। बस्तर में पिछले एक वर्ष में 1988 मरीजो की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 546 लोगों को कीमोथेरिपी शुरू की जा चुकी है। सरगुजा क्षेत्र में भी कमोबेश यही स्थिति है। सिर्फ बिलासपुर सिम्स में कैंसर मरीजों का इलाज हो पा रहा है। जगदलपुर के महारानी अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. भंवर शर्मा बताते हैं कि बस्तर में जो कैंसर के मरीज आ रहे हैं उनमें 65 फीसदी महिलाएं हैं। यहां तम्बाकू और शराब के ज्यादा प्रयोग के कारण पुरुषों व महिलाओं में मुंह का कैंसर अधिक पाया जा रहा है। इसके अलावा महिलाओं में ब्रेस्ट व गर्भाशय के भी काफी मरीज सामने आ रहे हैं।
कैंसर से हो रही मौत के सम्बंध में एनसीडीआईआर द्वारा देशभर के आंकड़े जारी किए गए हैं, उनके मुताबिक वर्ष 2018 में देश भर में कैंसर से 7,33,139,वर्ष 2019 में 751517 मौत तथा वर्ष 2020 में 770230 लोगों की मौत हुई है। राज्यवार आंकड़ो में छत्तीसगढ़ के आंकड़े भी काफी चौंकाने वाले है । वर्ष 2014 में जहां राज्य में कैंसर से 14472 लोगो की मौत हुई 2015 में 15221,2016 में 16030 मौतें हुई है वर्ष 2021 में मौत का आंकड़ा बढक़र 20071 पहुंच गया है। इस प्रकार कैंसर से राज्य में प्रतिदिन औसतन 3 लोगो की मौत हो रही है।
छतीसगढ़ में कैंसर का इलाज सिर्फ रायपुर और बिलासपुर में ही संभव है बाकी जगहों पर इलाज की कोई व्यवस्था नही है। राज्य के दूरस्थ अंचल से जब लोग इलाज कराने राजधानी जाते है तो उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़ते हंै। सुकमा निवासी देवीसिंह के पिता दुकालू को मुंह का कैंसर है। वह रायपुर के अस्पताल में इलाज करवा रहा है। उसका आयुष्मान कार्ड नहीं है। अब तक 2 लाख से अधिक खर्च हो चुके हैं। अब पैसे खत्म हो गए हैं तो पिता के इलाज के लिए खेत गिरवी रखने पर मजबूर हो गया है। रीजनल कैंसर सेंटर रायपुर के प्रभारी ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ प्रदीप चंद्राकर कहते है कि जागरूकता के अभाव में समय पर डायग्नोसिस न हो पाने के कारण पचास फीसदी से अधिक मरीजों को तीसरे या चौथे चरण में कैंसर का पता चलता है लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। उन्होंने बताया कि यदि प्रारंभिक अवस्था मे कैंसर का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है।