बस्तर में एक साल में ७०० हादसे में २०० रेफर, ट्रॉमा सेंटर नहीं होने से २३ ने गंवाई जान
जगदलपुरPublished: Sep 05, 2023 10:39:02 pm
- ट्रॉमा सेंटर नहीं होने से इलाज के आभाव में मर रहे बस्तरिया।
- लगातार मौत के बाद भी शासन प्रशासन नहीं दिखा रहे इस ओर रुचि
- मेकाज को तैयार हुए ११ से अधिक हुए, लेकिन अब भी हादसों के इलाज के लिए तैयार नहीं हम


बस्तर में एक साल में ७०० हादसे में २०० रेफर, ट्रॉमा सेंटर नहीं होने से २३ ने गंवाई जान
जगदलपुर. ट्रॉमा नहीं होने की कीमत बस्तरवासी अपनी जान गंवाकर चुका रहे हैं। यह हम नहीं बस्तर में हो रहे सडक़ हादसे में जिस तरह लोगों को रेफर किया जा रहा है और इसमें हो रही मौतें बता रहीं है। दरअसल बस्तर जिले में पिछले एक साल की तरफ नजर डालें तो ७०० से अधिक बड़े सडक़ हादसे हुए हैं जिनमें करीब २०० मामले ऐसे थे जिसमें गंभीर लोगों को बेहतर इलाज के लिए यहां से रेफर किया गया। बुरी बात यह रही कि इसमें २३ लोगों ने जान गंवा दी। इन मौतों के पीछे एक सबसे बड़ा कारण बस्तर में ट्रॉमा सेंटर न होना है। यदि यह सेवाएं बस्तर में चालू रहतीं तो हो सकता है इनमें से कुछ की जान बच जाती। एक दिन पहले ही बस्तर में एक घटना ऐसी घटी जिसमें गंभीर मासूम को इलाज के लिए राजधानी ले जाते वक्त उसकी बस्तर के पास मौत हो गई।