scriptवाह रे सरकार : 2014 का वर्क आर्डर, दो जिला प्रशासन शामिल फिर भी 9 किमी ही बन पाई स्टेट हाईवे | 2014 work order two district administrations included 9 km only Pi | Patrika News

वाह रे सरकार : 2014 का वर्क आर्डर, दो जिला प्रशासन शामिल फिर भी 9 किमी ही बन पाई स्टेट हाईवे

locationबस्तरPublished: Dec 09, 2017 03:54:07 pm

Submitted by:

ajay shrivastav

दंतेवाड़ा के 39.40 के लिए 54 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। तीन सालों से प्रयास जारी है। नारायणपुर इस सड़क को माओवादी दहशत के चलते काम को रोका गया।

 दो जिला प्रशासन शामिल फिर भी 9 किमी ही बन पाई स्टेट हाईवे
दंतेवाड़ा. सड़कों का जाल बिछाने के लिए सरकार को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। फोर्स के साए में स्टेट हाईवे नंबर पांच का निर्माण करवाया जा रहा है। दंतेवाड़ा जिले का 39.40 किलोमीटर का हिस्सा है। इसका वर्क ऑर्डर 2014 में हुआ। इस सड़क को 19 भागों में टेंडर हुआ है। तीन भागों को ही बनाया जा सका है। महज 9 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो सका।
नारायणपुर के कुछ इलाकों में कैंप स्थापित हुए
दंतेवाड़ा के 39.40 के लिए 54 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। तीन सालों से प्रयास जारी है। इसी तरह नारायणपुर जिले में इस सड़क को माओवादी दहशत के चलते काम को रोका गया। अधिकारी कहते है नारायणपुर के कुछ इलाकों में कैंप स्थापित हुए है। इसके बाद ही इस सड़क का काम पूरा हो सकता है। फिलहाल काम तो शुरू हो गया है और नारायणपुर जिले से सड़क को बनाया जा रहा है।
दंतेवाड़ा जिले से होते हुए यह सड़क नाराणपुर-कोंडागांव पहुंचेगी
दंतेवाड़ा जिले से होते हुए यह सड़क नाराणपुर-कोंडागांव पहुंचेगी। दंतेवाड़ा और नारायणपुर के बीच सड़क के हिस्से पर माओवादी हुकूमत है। कई बार माओवादियों ने आगजनी की है। बारसूर से पल्ली की ओर जाने वाली सड़क पर 9 किलोमीटर का डामरीकरण हो चुका है। इसके आगे बिना फोर्स की मौजूदगी में सड़क बनाने में ठेकेदार भी हाथ खड़े कर देते हैं। सच तो ये है कि पिछले डेढ़ दशक से दो जिलो का प्रशासन इस सड़क को बनाने के लिए पसीना बहा रहा है। हालात ये है कि इस सड़क से बारसूर होते हुए वाहन नहीं गुजरते है। शुक्रवर को सड़क काम शुरू करवाने के लिए गीदम एसडीओ बरिहा को नारायणपुर होते हुए दंतेवाड़ा की सीमा में भेजा गया है। जल्द ही काम शुरू करने की बात अधिकारी कर रहे हैं।
विस्फोट की चपेट में आया था जवान
वाहनों को आग लगाना माओवादियों के लिए आसान रास्ता है। इस सड़क को बहाल कराने के लिए सुरक्षा में लगे जवानों को भी भारी खतरों से जूझना पड़ता है। 28 दिसंबर 2016 को सीआरपीएफ का एक जवान कुकर बम की चपेट में आया। वह बुरी तरह से घायल हुआ। इसके बाद फोर्स ने जंगल में सर्चिंग की तो बम और फटे। हालांकि ट्रेकर डॉग की वजह से सीआरपीएफ के डीआईजी सहित कमांडेट की जान बची थी। इसके बाद एक बार फिर काम को रोक दिया गया। एक बार फिर से इस सड़क को बनाने की कोशिश में प्रशासन है।
2003 तक सरपट दौड़ते थे वाहन
इस स्टेट हाईवे से माओवाद के बदल छटे और सड़क का निर्माण हुआ तो दंतेवाड़ा से नारायणपुर, कोंडागांव, भानुप्रतापपुर और दल्हीराजहरा बेहद नजदीक होगा। 2003 तक इस सड़क पर बड़े वाहन भी सरपट दौड़ते थे। 2005 के आते-आते पूरी तरह से यह रास्ता ब्लॉक हो गया। माओवदी तूती इस इलाके में बोलने में लगी। पिछले 13-14 सालों में इस स्टेट हाईवे के माओवादियों ने खोदा और पूरी तरह से आवागमन पर रोक लगा दी। यह इलाका माओवादियों की गिरफ्त में है। पिछले तीन सालों से दोनों जिला का प्रशासन सड़क को बनाए जाने को लेकर मशक्त कर रहा है। सड़क को बनाने को लेकर जब भी प्रयास हुआ माओवादियों ने उत्पात मचाया। तीन ***** में 9 किमी सड़क बन पाया।
10 किलोमीटर सड़क बन चुकी है
पीडब्लूडी के ईई जोसेफ थॉमस ने बताया दंतेवाड़ा जिला का 39.40 हिस्सा है। करीब 10 किलोमीटर सड़क बन चुकी है। अब इस सड़क को नारायणपुर की ओर से बना कर लाया जाएगा। एसडीओ गीदम को भेजा गया है। सड़क निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो