मौत के बाद हुआ मालूम जापानी बुखार से हुई मौत
मिली जानकारी के अनुसार राजूर के झिटकागुड़ा के दसमी पिता सोनसाय (10 वर्ष), सोररासपारा संचिता पिता मनोज (4 वर्ष) और विशाल पिता गोदावरी (13 वर्ष) जापानी बुखार से पीडि़त है। जिनका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। ज्ञात हो कि ग्राम राजूर में 21 नवंबर को 10 वर्षीय लखेश्वर बघेल की जापानी बुखार से मौत हुई थी। इसक बाद से यहां पर लगातार जापानी बुखार के मरीज मिल रहे है। बावजूद स्वास्थ्य विभाग व्यवस्था सुधारने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। बड़ी बात यह है कि दस वर्षीय लखेश्वर की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग को पता चला कि बच्चे की मौत जापानी बुखार से हुई। इससे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ नजर आ रही है।
डेंगू का भी बढ़ रहा प्रकोप
बस्तर में जापानी बुखार के साथ ही डेंगू का प्रकोप भी बढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर देवज्योति मजूमदार ने बताया कि इन दिनों पूर बस्तर संभाग से रोजाना 25 से 30 डेंगू के संदिग्ध मरीज आ रहे हैं। जांच में 3 से 4 मरीजों का रिपोर्ट पॉजीटिव आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जापानी बुखार और डेंगू की रोकथाम को लेकर कोई पहल नहीं कर रहा है।
5 महीने पहले हुई थी जेई से एक बच्चे की मौत
पांच महीने पहले बकावंड ब्लॉक के घोडीमुंडापारा में जेई से चार वर्षीय बच्चे की मौत हुई थी। वहीं पूरे बस्तर जिले में 13 पॉजीटिव के मरीज मिले थे। इसमें दरभा ब्लॉक में 7, बकावंड में 2 और तोकापाल और लोहांडीगुडा में 1-1 पॉजीटिव केस मिले थे। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते अब फिर से जेई के मरीज मिलने लगे हैं।