टीम ने रिपोर्ट बनाकर अपने उच्च अधिकारियों को सौंप दिया है। वहीं देवभोग के जगदलपुर के सेमरा प्लांट के मैनेजर को नोटिस भेजकर 7 दिन के भीतर जवाब तलब के लिए बुलाया है। नापतौल विभाग की टीम में शामिल म्यूमेश ठाकुर ने बताया कि वजन में कमी की शिकायत मिली थी। जिसके बाद जांच के लिए टीम बनायी गई थी। टीम ने जगदलपुर पहुंचकर शिकायतकर्ता के पास रखे दूध के पैकेट को देखा।
जांच पर सवाल न उठे इसलिए जगदलपुर प्लांट के मैनेजर को भी बुलाया। लेकिन वे नहीं पहुंचे। इसके बाद उन्होंने इसका तौल किया, जिसमें चार पाउच में 80 से लेकर 180 एमएल तक दूध कम मिला। इसके बाद टीम ने पंचनामा बनाकर अपनी जांच तैयार की और इसे अपने उच्च अधिकारियों को सौंप दिया।
रोजाना 4 से 8 हजार पाउच होते हैं तैयार
चार पाउच में दूध कम निकलने की बात सामान्य जरूर लग सकती है। लेकिन तब इसकी गंभीरता बढ़ जाती है जब यह पाउच हजारों की संख्या में बनते हैं। प्लांट सूत्रों की माने तो जगदलपुर प्लांट में ही करीब 4 से 8 हजार तक पाउच दूध के तैयार होते हैं। ऐसे में यह मामला प्रतिदिन हजारों रुपए की ठगी का रूप ले लेती है।
सामाग्रियों में एक्सपायरी नहीं होने की भी है शिकायत
इधर देवभोग पर उसके दूध से बने सामान जैसे पनीर व अन्य के पैकेट में भी एक्सपायरी नहीं होने की शिकायत सामने आई है। खाद्य विभाग ने भी यहां के सैंपल लिए हैं। जिसकी अब तक रिपोर्ट नहीं आई है।
पूरी जांच ही एकतरफा थी
पूरी जांच एकतरफा थी। ऐन मौके पर जानकारी दी गई। शिकायतकर्ता के साथ मिलकर यह कार्रवाई की गई। लीकेज वाली पाउच भी हो सकती है। ऐसी रोजाना 15 से 30 लीटर लीकेज की समस्या आती है। ऐसे मामलों में शिकायत के बाद एडजस्ट किया जाता है। लेकिन इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
-राजेश जेना, देवभोग प्लांट मैनेजर, जगदलपुर