बस्तर जिला 16 हजार 3 सौ मानक बोरा के साथ सबसे पीछे सबसे अधिक दाम बीजापुर डिवीजन में 18899 रुपये सबसे कम दाम बस्तर डिवीजन में 3009 रुपये बस्तर संभाग में तेंदूपत्ता संग्रहण पर एक नजर
जिला लक्ष्य संग्रहण राशि
- बीजापुर 80500 80533 330132000
- सुकमा 90400 99851 399404000
- दंतेवाड़ा 19000 19800 79200000
- बस्तर 25100 16396 65584000
प्रति मानक बोरा 4 हजार बस्तर में 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता की खरीदी की जाती है। इसके अलावा संग्राहक परिवारों को कई तरह की सुविधाएं भी दी जाती है। इस कारण बड़ी संख्या में लोग तेंदूपत्ता संग्रहण करते हैं। कोरोनाकाल में भी तेंदूपत्ता से संग्राहक परिवारों को आर्थिक लाभ मिला।
आदिवासियों के आय का प्रमुख साधन तेंदूपत्ता बस्तर के अंदरूनी इलाकों में वनवासियों की आय का प्रमुख साधन रहा है। 2002 में प्रदेश में तेंदूपत्ता का दाम 45 रुपये प्रति मानक बोरा था। आज इसका दाम चार हजार रुपये प्रति मानक बोरा है।गत भाजपा की सरकार में इसका दाम 25 सौ रुपये था। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद तेंदूपत्ता के दाम डेढ़ हजार रुपये बढ़ा है। दाम बढ़ने से वनवासियों के जीवनस्तर में सुधार देखा जा रहा है।
बस्तर संभाग में 75 समिति लाखों संग्राहक बस्तर संभाग के चारों जिलों में 75 समितियां काम करती है। इन समितियों में लाखों तेंदूपत्ता संग्राहक हैं। इनमे सबसे अधिक 28 समितियां अकेले बीजापुर जिले में कार्यरत हैं। बस्तर वृत्त में बीजापुर जिले का तेंदूपत्ता सबसे अच्छा माना जाता है। यहां इस वर्ष करीब 32 करोड़ रुपये का तेंदूपत्ता संग्रहण हुआ है।
यहां के तेंदूपत्ता का मांग विदेशों में अधिक बस्तर का तेंदूपत्ता बंगलादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार व अफगानिस्तान आदि पड़ोसी देशों में सबसे अधिक मांग होता है। इनके अलावा आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में भी इसकी अच्छी मांग है। यही वजह है कि सरकार बस्तर में तेंदूपत्ता संग्राहकों का अधिक खयाल रखती है।
-तेंदूपत्ता का दाम बढ़ने के बाद संग्राहकों के जीवन स्तर में सुधार आया है। तेंदूपत्ता संग्रहण को लेकर वनवासी उत्साहित हैं। मोहम्मद शाहिद, मुख्य वन संरक्षक, बस्तर वृत्त