बस्तर के जंगलों में मिली थी ये ममी , जानिए एक लावारिश लाश ने कैसे लिया था ममी का रूप
मध्य भारत की 148वीं तितली की खोज पूरी
हिमालयन वैगरेंट बटरफ्लाई मध्य भारत की १४८वीं तितली रिकॉर्ड की गई है। वहीं अकेले कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में दर्जनभर से ज्यादा तितलियां रिकॉर्ड की गई हैं। वैगरेंट बटरफ्लाई कुरंदी के जंगल मिली है, जहां साल और बांस का जंगल हैं। यह इलाका इस प्रजाति की तितली के लिए मुफीद माना जा रहा है। यहां इसे सर्वाइव करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। इससे पहले यह झारखंड और ओडिशा के जंगलों में रिकॉर्ड की गई थी। छत्तीसगढ़ में पहली बार इसे खोजा गया है।
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बस्तर में जैव विविधता बढऩे की संभावना
ओडिशा के ईस्टर्न घाट के जरिए हिमालयन वैली से बस्तर के जंगल जुडऩे से यहां जैव विविधता में इजाफा होगा। पहले ही यहां जैव विविधता में व्यापकता है, ऐसे में अगर हिमालयन वैली से लिंक हो जाता है तो निश्चित रूप से यहां जैव विविधता बढ़ेगी। जानकारों का मानना है कि ज्यादातर पक्षी यहां माइग्रेट होकर पहुंचेंगे। इससे कांगेर वैली के जंगल और भी ज्यादा जैव संपन्न हो सकते हैं।
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