प्रशासन ने कहा हमारे पास नहीं है बजट
जिसका नियमानुसार वर्कआर्डर होने के बाद उन्होंने काम भी शुरू कर दिया और जब लगभग 30 प्रतिशत काम पूरा होने के बाद उन्होंने मेजरमेंट व भुगतान की बात कही तो संबंधित विभाग लोक निर्माण ने उक्त हेंड में बजट नहीं होने की बात कह दिया। उन्होंने बताया कि, इसके बाद से उनकी कागजी कार्यवाही शुरू हुई जो आज तक चली आ रही हैं। यहां तक कि मामला सीएम जनदर्शन से लेकर न्यायालय तक भी गया। बावजूद इसके संबधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने उनकी एक न सुनी और सरकारी कागजों में ही घूमाते रहने से खुद को प्रताडि़त होने की बात ठेकेदार ने कही।
सरकार बदली पर अफसरों का रवैया वैसा ही
ठेकेदार ने कहा कि, सरकार बदल गई, लेकिन आज भी सरकारी अफसरों के काम करने का तरीका पहले जैसा ही है। और मुझे सुनियोजित तरीके से आर्थिक एव सामाजिक क्षति पहुंचाने तथा मेरे विरूद्व कुटरचना कर 24 अपराधिक प्रकरण न्यायालय में दर्ज किया गया जहां से एक-एक कर सभी प्रकरणों से मैं निर्दोष साबित हुआ। इसके बाद भी से मेरे द्वारा लगातार कागजी कार्यवाही किया जाता रहा। लेकिन मेरे आवेदनों पर कोई सुनवाई न करन भ्रष्ट्राचार व असफरशाही को साबित करता हैं। जिससे मैं अब त्रस्त हो चुका है।
कोतवाली में आवेदन दिया था
इसलिए आजादी पर्व 15 अगस्त की शाम 4 बजे स्थानीय बांधा तालाब में जल समाधी लेने का निर्णय कर लिया हैं। ज्ञात हो कि, इसी ठेकेदार ने तकरीबन सालभर पहले लोक निर्माण विभाग के अफसरों के विरूद्ध मामला दर्ज करने दस्तावेजों के साथ कोतवाली में आवेदन दिया था।
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