वापस आने से साफ मना कर दिया
दरअसल , मुचनार निवासी बीरबल और करेकोट निवासी युवती सुमनी ने एक- दूसरे को पसंद किया और दोनो साथ रहने लगे, लेकिन इनकी सामाजिक रीति-रिवाज से शादी नहीं हुई थी। कुछ महीने बाद सुमनी अपने मायके लौट गई । उसने वापस आने से साफ मना कर दिया । हारकर दो साल बाद बीरबल ने बारसूर चालकी पारा निवासी प्रतिभा को शादी के लिए राजी कर लिया तो वह उसके घर आकर रहने लगी। कुछ समय बाद दोनों की शादी की तैयारी होने लगी। इस बीच करेकोट से सुमनी लौट आई और पति के साथ रहने की इच्छा जताई। मामला थाने पहुंच गया ।
ऐसी शादी के बारे में कभी नहीं सुना
बारसूर थाने में बातचीत की गई तो दोनों युवतियों ने एक ही पति को अपनाने में रजामंदी दिखाई। समाज के प्रमुखों ने भी इस पर हामी भरी और दोनों की शादी शनिवार को हल्बा समाज के रीति रिवाज से कराई गई । दूल्हे के पिता चन्नी राम ने बेटे के फै सले पर खुशी जताते कहा अच्छा बात और क्या हो सकती हैं । जिला हल्बा समाज के विधिक सलाहकार हरिलाल डेगल का कहना हैं कि इस तरह का यह अनूठा मामला हैं। अब तक ऐसी शादी के बारे में कभी नहीं सुना था।