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इन्द्रावती पार पड़ोसी जिले में भी प्रशासन की दस्तक

locationजगदलपुरPublished: Jun 29, 2022 07:07:19 pm

Submitted by:

Rajeev Vishwakarma

पेयजल सुविधा से दिलाई राहत, हांदावाड़ा में बोरवेल खनन, जिला प्रशासन की प्रयास से बुझ रही हांदावाड़ा के ग्रामीणों की प्यास, 27 घरों तक पहुंचा शुद्ध पेयजल

नये बोरिंग पम्प से पानी भरते गांव के लोग

नये बोरिंग पम्प से पानी भरते गांव के लोग

दंतेवाड़ा . नारायणपुर जिले के पहुंच विहीन गांव हांदावाड़ा में पेयजल सुविधा दिलाने के लिए दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने अनूठी पहल की है। कलेक्टर व जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के अध्यक्ष दीपक सोनी के मार्गदर्शन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने ग्राम हांदावाड़ा के ग्रामीणों को पेयजल की सुविधा प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि हांदावाड़ा ग्राम प्रकृति की अप्रतिम सुंदरता ओढ़े यह गांव बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक में पड़ता है। धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण आम नागरिकों का यहां तक पहुंच पाना आसान नहीं है। नदी पार करते ही अबूझमाड़ का इलाका शुरू होता है। अबूझमाड़ का जंगली व धुर नक्सल इलाका और दुर्गम रास्तों में बोर खनन की गाड़ी लेकर जाना एक बहुत बड़ी चुनौती भरा काम रहा। हांदावाड़ा गांव नारायणपुर मुख्यालय के ब्लॉक ओरछा से 66 किलोमीटर व जिला दंतेवाड़ा से करीब 60 किलोमीटर दूर है। लेकिन सड़क की सुविधा नहीं है। यहां तक पहुंचने के लिए घने जंगल, नदी-नाले, दलदल, चट्टान को पार कर जाना पड़ता है।
दुर्गम इलाके में रास्ता बनाकर पहुंची टीम
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की मैकेनिकल टीम के साथ अबूझमाड़ के जंगलों में स्थित हांदावाड़ा तक के दुर्गम रास्तों पर सफर कर चल कर ग्रामीणों द्वारा बोर खनन की गाड़ी जाने के लिए रास्ता बनाया गया और ग्राम के तीन बसाहटों में कुंदेली पारा, पोयामी पारा, बेड़मा पारा के कुल 27 घरों तक पेयजल आपूर्ति हेतु 4 बोर खनन किया गया, जिसमें से 3 बोर सफल रहे। बोर खनन के बाद हैंडपंप लगाकर पानी की जांच की गई, जिसके उपरांत हैंडपंप का पानी स्वच्छ व पीने योग्य पाया गया। ऐसे दुर्गम रास्तो को पार कर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मैकेनिकल टीम के हौसले ने झरने या चुआं का पानी पीने को मजबूर ग्रामीणों को उनके घर के नजदीक ही हैंड पंप लगाकर स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गई। जहां पहले विभिन्न परिस्थितियों में गांव की महिलाएं जहां अपने व अपने परिवार प्यास बुझाने के लिए कठिन रास्तों से लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर दूर झरना या चुआं से पीने का पानी लेने कई किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। लेकिन अब कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन से गांव में ही हैंडपंप लगाकर ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया करवाई गई है। अब हांदावाड़ा की महिलाओं को किसी भी मौसम में घर के नजदीक ही पेयजल उपलब्ध होगा।
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