जिससे शिकायत करनी है करो, नहीं देता पैसे
इसी तरह कोण्डागांव और जगदलपुर के अन्य यात्रियों की टिकट पर भी कंडक्टर कुलदीप ने सौ रुपए बाद में लेना लिखा। जब यात्री धमतरी पहुंचने पर बैलेंस रकम मांगने लगे तो कंडक्टर ने कहा कोण्डागांव में ले लेना। अभी चिल्लर नहीं है। जबकि उसके हाथों में पर्याप्त पैसे थे। कोण्डागांव में भी जब यात्रियों ने पैसे मांगे तो कंडक्टर बदसलूकी करने लगा और कहा कि कैसे पैसे, कौन से पैसे, जाओ नहीं देता, जिससे शिकायत करनी है करो। इसके बाद पीडि़त यात्रियों ने बस में ही एक आवेदन बनाया और बस कंपनी प्रबंधन और कंडक्टर की शिकायत बस्तर पुलिस अधीक्षक से करने का निर्णय लिया। शिकायती पत्र एसपी को सभी यात्रियों के हस्ताक्षर के साथ सौंपा गया है शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से लोग नाराज हैं।
ग्रामीण यात्री हर दिन इसी तरह ठगे जा रहे
बसों में यात्रियों को चिल्हर ना होने की बात कहकर ठगने का सिलसिला लंबे वक्त से चल रहा है। इस ओर ना ऑपरेटरों का ध्यान है और ना ही आरटीओ का। कई बार जागरूक यात्रियों ने इसकी शिकायत की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। ग्रामीण यात्री सबसे ज्यादा ठगे जा रहे हैं उन्हें बस कंडक्टर और बुकिंग एजेंट चिल्लर ना होने के बहाने २० से ५० रुपए तक चूना लगा देते हैं, कम ही ग्रामीण इसका विरोध कर पाते हैं। विरोध करने पर बस से उतारने की धमकी दी जाती है। इस बार कांकेर रोडवेज का पाला पढ़े-लिखे लोगों से पड़ गया इसलिए मामले की शिकायत एसपी से की है।