scriptजिस महुआ से कभी बनती थी शराब, अब उसी से बनेगा स्वादिष्ट लड्डू, इसके फायदे जान आप भी रह जाएगें हैरान | After making Mahua liquor, now Mahua ladoos will be made in Kondagaon | Patrika News

जिस महुआ से कभी बनती थी शराब, अब उसी से बनेगा स्वादिष्ट लड्डू, इसके फायदे जान आप भी रह जाएगें हैरान

locationजगदलपुरPublished: Dec 14, 2019 11:57:34 am

Submitted by:

Badal Dewangan

यह दिलचस्प तथ्य है कि महुआ का नाम आते ही देशी शराब की छवि उभर आती है। मुख्य रुप से देशी मदिरा निर्माण के रुप में आने वाले इन महुआ फ लो में स्वास्थ्य की दृष्टि से पौष्टिक तत्वो की प्रचुरता रहती है।

जिस महुआ से कभी बनती थी शराब, अब उसी से बनेगा स्वादिष्ट लड्डू, इसके फायदे जान आप भी रह जाएगें हैरान

जिस महुआ से कभी बनती थी शराब, अब उसी से बनेगा स्वादिष्ट लड्डू, इसके फायदे जान आप भी रह जाएगें हैरान

कोण्डागांव. वैसे तो बस्तर की आदिम संस्कृति में महुआ का विशिष्ट स्थान है। समुदाय के जन्म से लेकर विवाह, मृत्यु आदि संस्कारो में महुआ वृक्ष की उल्लेखनीय भूमिका रहती ही है। पर महुआ के स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी गुणो से बहुत ही कम व्यक्ति परिचित है।

पंचायतो एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो के माध्यम से वितरित कराने की तैयारी
यह दिलचस्प तथ्य है कि महुआ का नाम आते ही देशी शराब की छवि उभर आती है। मुख्य रुप से देशी मदिरा निर्माण के रुप में आने वाले इन महुआ फ लो में स्वास्थ्य की दृष्टि से पौष्टिक तत्वो की प्रचुरता रहती है जो बढ़ते हुए बच्चो और धात्री माताओं के लिए जरुरी है। महुआ के इन्हीं स्वास्थ्यवर्धक गुणो को फोकस करते हुए जिला प्रशासन इनसे पौष्टिक खाद्य सामग्री का निर्माण कर इन्हें पंचायतो एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो के माध्यम से वितरित कराने की तैयारी में है। आपको बता दे सीएम भूपेश बघेल राज्य की सत्ता संभालने के बाद पहली दफे कोण्डागांव आए थे तो उन्हें समूह की महिलाओं ने महुआ लड्डू का सेवन करवाया था। और उन्होंने मंच से ही इस लड्डू का व्यवसायिक तौर पर निर्माण करने की बात कहते इसे नया रायपुर स्थित एयरपोर्ट पर भी बिक्री के लिए रखने की बात कही थी।

लड्डू निर्माण को स्वरोजगार के नए साधन के रुप में उपलब्ध कराने
इस दौरान कलक्टर नीलकंठ टीकाम ने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि, महुआ से लड्डू निर्माण को स्वरोजगार के नए साधन के रुप में उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि समूह की महिलाऐं इसका व्यापक स्तर पर उत्पादन कर अपनी आमदनी का नया जरिया ढूंढ सकेंगी। उन्होंने कहा कि, हमारे वनीय विरासत में कई ऐसे पौष्टिक तत्व मौजूद है, जिनसे हम आसानी से कुपोषण से लड़ सकते है। स्थानीय जिला पंचायत संसाधन केन्द्र में पांच दिवसीय महुआ लड्डू कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान‘ के तत्वाधान में किया गया था। कार्यशाला में जिले के सभी पांच ब्लॉक के स्व-सहायता समूह से चयनित 55 महिलाओं को महुआ लड्डू बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।

अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा
इस कार्यशाला में महिलाओं को न केवल महुआ लड्डू बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया बल्कि उसके व्यवसायिक रुप से उत्पादन जैसे मार्केटिंग के तरीके भी समझाए गए। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान‘ के द्वारा उन्हें अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण से लडऩे में महुआ लड्डू बनेगा हथियार
जिले में कुपोषण एक गंभीर समस्या के रूप में सामने है। अंतिम आंकड़ो के अनुसार जिले में शून्य से 6 वर्ष के कुल 53 हजार 295 बच्चों में से 5 हजार 966 बच्चें गंभीर कुपोषित तथा 13 हजार 606 बच्चे मध्यम कुपोषित है। इन आकड़ो के आधार पर जिले में कुपोषण का प्रतिशत 36.72 है। ऐसे में महुआ से बने खाद्य सामग्री को अन्य पोषण आहार के साथ देने पर इस प्रतिशत को तेजी से घटाया जा सकता है। महुआ फलो पर किए गए शोध के आधार पर यह धात्री माताओं के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। इसके अलावा महिलाओं में होने वाले अनियमित महावारी में यह लाभप्रद है।

विटामिन से भरपूर है महुआ
महुआ में विटामिन ए, विटामिन सी की अधिकता के कारण यह आंखो की रौशनी एवं त्वचा रोग में भी असरकारी है। इस फल में आयरन की प्रचुरता होने के कारण यह शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को ऊर्जा, मानसिक तनाव, हृदय की बीमारी, भूख बढ़ाने तथा शरीर में अतिरिक्त वसा को भी कम करता है। चूंकि
इसके फ लो में प्रोटीन 5.8 ग्राम, वसा 16.97 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 66.76 ग्राम होती है। साथ ही इसमें अन्य विटामिन जैसे कैरोटिन, थायमिन (बी-1), विटामिन सी, राइबोफेमिन (बी-2) एवं अन्य तत्व मैग्नीशियम, जिंक, कापर इत्यादि भी है जो बढ़ते हुए बच्चों के लिए आवश्यक होते है। इस प्रकार कुल मिलाकर यह फ ल एनीमिक महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों के लिए उपयोगी सिद्ध है।

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