पानी के लिए हैंडपंप या फिर बोर जैसी सुविधा नहीं
महिलाओं ने बताया कि उनके यहां पांच दिन से बिजली नहीं थी। इसकी शिकायत वे बार-बार विभाग में कर रहे थे, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिलता था। बिजली नहीं होने की वजह से घर में पेयजल आपुर्ति भी प्रभावित हो रही थी। साथ ही इलाके में आस-पास कोई भी पानी के लिए हैंडपंप या फिर बोर जैसी सुविधा नहीं थी। ऐसे में जब पांच दिन बीत गए तो उनका गुस्सा काफी बढ़ गया। इसलिए परिवार की महिलाओं ने मोर्चा संभाला और रेलवे ट्रैक पर धरना प्रदर्शन कर दिया। इस दौरान किरंदूल-विशाखापटनम नाइट एक्सप्रेस पहुंचे, इसे करीब आधे घंटे तक डिलमिली रेवले स्टेशन के पास रोके रखा। इसी दौरान रेलवे के बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाया। इसके बाद आधे घंटे बाद ट्रेन में बैठे लोगों की परेशानियों का समझते हुए एक्सप्रेस को जाने दिया और धरना प्रदर्शन बंद कर दिया। प्रदर्शन खत्म होने के बाद बमुश्किल आधा घंटा हुआ होगा कि बिजली आ गई। इसके बाद से रविवार की दोपहर तक बिजली नहीं बंद हुई है। उन्होंने साफ कह दिया था कि यह परेशानी नहीं सुलझी तो जल्द ही फिर से रेल रोको आंदोलन किया जा सकता है।
ग्रामीणों का बड़ा सवाल: समस्या वाकई बड़ी है, या बताई जाती है
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग से जब भी बिजली बंद की समस्या को लेकर जानकारी ली गई, तो विभाग ने हर बार तकनिकी रूप से इसे बड़ी समस्या बताया। यह समस्या इतनी बड़ी थी कि पांच दिन बाद भी नहीं सुधरी। लेकिन धरना प्रदर्शन के बाद इतनी बड़ी संमस्या आधे घंटे में कैसे ठीक हो गई। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि समस्या वाकई बड़ी होती है या जानबूझकर विभाग तकनीकी कारणों का बहाना बनाकर इसे बड़ा बताते हैं।
समस्या नहीं हो दूर, तब आवाज तो उठानी पड़ेगी
ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या उनके सामने पहली बार पेश नहीं आ रही। बल्कि समय-समय पर यही स्थिति पैदा हो जाती है। लेकिन जब समस्या बड़ी हो जाए तो आवाज उठानी पड़ती है। उन्होंने भी ऐसा ही किया। उन्होंने कहा कि इस बात की उन्हें खुशी भी है क्यों कि जो काम पांच दिन में नहीं हो पाया वो इस आंदोलन के बाद तुरंत हो गया।
प्रदर्शन के बाद ईस्ट कोस्ट रेलवे रेंज में मचा हडक़ंप, अधिकारी देर रात तक लेते रहे जानकारी
रेलवे ट्रैक पर जैसे ही धरना प्रदर्शन किया गया। इस्ट कोस्ट रेलवे रेंज में हडक़ंप मच गया। रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन रेलवे के अधिकारियों को बार-बार बिजली और पानी के नहीं होने की जानकारी दी जा रही थी और वे कुछ नहीं कर रहे थे। इसके बाद देर रात पानी और बिजली की जानकारी फोन के जरिए ले रहे थे।