scriptAn iron bridge will be built on the red river of Loha village situated | बैलाडीला की तराई में बसे लोहा गांव की लाल नदी पर बनेगा लोहे का पुल | Patrika News

बैलाडीला की तराई में बसे लोहा गांव की लाल नदी पर बनेगा लोहे का पुल

locationजगदलपुरPublished: Jul 09, 2023 01:14:38 am

Submitted by:

Suresh Das

किरन्दुल. बैलाडीला क्षेत्र में जनहित के मुद्दों को लेकर पत्रिका की मुहिम लगातार चल रही है और जिसके खबर का असर भी देखने को मिल रहा है। ऐसा ही मामला बैलाडीला की लाल पहाड़ी के पीछे बसे हीरोली ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम लावा जिसे आदिवासी ग्रामीण लोहा गांव भी कहते हैं।

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चुनौती भरा 9 किलोमीटर सफर तय कर एनएमडीसी के अधिकारी पहुंचे लोहा गांव, किया सर्वे

- चुनौती भरा 9 किलोमीटर सफर तय कर एनएमडीसी के अधिकारी पहुंचे लोहा गांव, किया सर्वे

- पुल बनने को लेकर माओवादियों का भी मौन समर्थन। पत्रिका की मुहिम रंग लाई।

इस गांव में आजादी के इतने वर्ष बाद भी शासन की कोई भी योजना नहीं पहुंची। इस पूरे क्षेत्र में माओवादियों की अच्छी पैठ है।जिसके चलते आम आदमी यहां जाने से भी परहेज करता है।बैलाडिला की लौह अयस्क की पहाड़ियों से बहे कर आ रहे लौह चूर्ण से इस गांव की नदी लाल और दलदल में तब्दील हो गई है। पिछले वर्ष गांव के 2 ग्रामीण पानी के तेज बहाव में नदी पार करते वक्त बह गए। जिसके बाद दलदल में एक की लाश मिला वही दूसरा अब तक लापता है। लाल नदी पर लोहे का पुल बनाने के लिए लंबे समय से ग्रामीण मांग कर रहे थे। जिसके बाद पत्रिका ने इस गांव की समस्याओं को लेकर मुहिम छेड़ी। इस गांव में जाने को ना सड़क है, ना पीने का पानी, ना बच्चों के लिए स्कूल, ना स्वास्थ्य सुविधा, ना आंगनबाड़ी, बद से बदतर जीवन जीने को मजबूर हैं यहां के ग्रामीण।
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