बस्तर की संस्कृति और यहाँ की जनजातियों को बढ़ावा देने और आज की पीढ़ी को राज्य की संस्कृति से अवगत करने के लिए मड़ई का आयोजन किया जाएगा। पढ़िए क्या है पूरा मामला।
जगदलपुर
Published: June 13, 2022 05:20:13 pm
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने और आज की युवा पीढ़ी को इससे अवगत करने के लिए आसना में स्थापित बादल एकेडमी में प्रत्येक शनिवार को बादल मड़ई का आयोजन किया जाएगा। मड़ई में राज्य के पहनावे, रहन-सहन, भाषा-बोली, नृत्य-संगीत, पूजा-पद्धति आदि परंपराओं को प्रदर्शित किया जाएगा। ताकि लोगों को बस्तर की विभिन्न संस्कृतियों और जनजातियों के बारे में जानकारी मिल सके। कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि, हर शनिवार को अलग-अलग जनजाति मड़ई का आयोजन करेंगे। जिसके लिए
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द आमचो बस्तर हेरीटेज सोसायटी में बस्तर के अलग-अलग जनजातीय समुदाय के सदस्यों को नामित करें। चयनित सदस्य बस्तर की विभिन्न जनजातीय परंपरा, साहित्य, लोकगीत-संगीत-नृत्य, चित्रकला, गोदना कला आदि में निपुण हों इस बात का विशेष ध्यान रखने का निर्देश भी कलेक्टर ने दिया है। इसके अलावा बादल एकेडमी में संचालित गतिविधियों के संबंध में भी उन्होंने अधिकारियों से जानकारी ली।
इस प्रकार के आयोजनों से आज की पीढ़ी को राज्य और यहाँ की जनजातियों के बारे में पता चलेगा। प्रशासन का यह प्रयोग लोगों को यहाँ संस्कृति से अवगत कराएगा। अफसरों ने इस प्रयोग के विषय में बताया कि, बस्तर में कई जनजातियां बसर करती हैं और सबकी अपनी अलग संस्कृति और परंपरा है। आज के आधुनिक युग में युवा पीढ़ी पुरानी परंपराओं को भूलती जा रही है। यही मुख्या वजह है कि, संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने के लिए इस तरह के प्रयोगों की जरूरत है। इस प्रकार के आयोजनों से आज की पीढ़ी को बस्तर और यहाँ की संस्कृति के बारे में बहुत चलेगा।
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