जगदलपुरPublished: Jan 17, 2023 03:08:12 pm
CG Desk
बस्तर में कॉफी के प्रोडक्शन से जहां किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं वहीं स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है जिससे इन आदिवासी क्षेत्रों में काफी हद तक पलायन रुका है। परियोजना के माध्यम से 2017 से लेकर अब तक 60 लाख रुपए का रोजगार दिया जा चुका है।
Bastar Coffee: बस्तर के आदिवासी किसान अपनी नई पहचान स्थापित कर रहे हैं जिसकी वजह है कोलेंग और दरभा की पहाडिय़ों पर उगाई जा रही बस्तर कॉफी। 2017 में प्रायोगिक तौर पर उद्यानिकी विभाग द्वारा 20 एकड़ में शुरू की गई कॉफी(Bastar Coffee) की खेती अब किसानों के खेतों तक पहुंच चुकी है।