नक्सली प्रवक्ता द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उनके संगठन के पांच सदस्य जो कि पुलिस के लिए मुखबिरी कर रहे थे जिनमें बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र के डीवीसीएम मेम्बर विज्जा तथा एरिया कमेटी सदस्य गोपी भी शामिल है। इन्हें जनअदालत लगाकर मौत की सजा सुनाई गई। पहली बार नक्सलियों ने अपने डीवीसीएम जैसे बड़े कैडर को सार्वजनिक रूप से हत्या करने की न सिर्फ बात स्वीकार की है अपितु उसका शव भी उसके परिजनों को सौंपने का दावा भी किया है। नक्सलियों के मुताबिक विज्जा आत्मसमर्पण कर चुके गोपी के सम्पर्क में था जो कि कोवर्ट के रूप में काम कर रहा था विज्जा को नक्सलियों (Bastar Naxal) ने पकड़ कर जब पूछताछ की तो उसने उसने अपनी गलती स्वीकार की। इसी कारण जनअदालत में उसकी हत्या का दावा बयान में किया गया है।
नक्सलियों (Bastar Naxal) ने पुलिस के उस दावे को भी गलत बताया है जिसके मुताबिक पुलिस ने विज्जा की मौत को गैंगवार का नाम दिया है। कोरोना काल मे नक्सली संगठन की न तो सप्लाई चेन टूटी है और न ही हथियारों-दवाइयों की कमी हुई है पुलिस के दावे को नक्सलियों ने पुलिस के प्रचार तंत्र का हिस्सा बताया साथ ही मिनपा की घटना में तीन नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि पुलिस इस मामले में जो 23 नक्सलियों के मारे जाने का दावा कर रही है वह सही नहीं है। जल जंगल और जमीन के मामले में नक्सलियों ने संघर्ष जारी रखने की बात कहते हुए दावा किया है कि पित्तोड़मेटा, आमदाई, तुलोडमेंटा जैसी खदानों को कॉर्पोरेट को बेचने के लिए सरकार नए पुलिस कैम्प खोल रही है नक्सलियों ने इसका भी विरोध किया है।