बैनर तले हो रहा विरोध प्रदर्शन
बस्तर रेल आंदोलन के लोगों का कहना है कि रेलवे बस्तर को सिर्फ खनन परिवहन की दृष्टि से ही देखता है। यही वजह है कि आज भी बस्तर से छग के लिए कोई ट्रेन नहीं है। जबकि लौह इस्पात परिवहन के लिए सीधे बस्तर को विशाखापटनम से जोड़ दिया गया है। यह गलत है। बस्तरवासियों की लंबे समय से मांग है कि वे सीधे रायपुर तक जुड़े। स्थानीय लोगों के दबाव से रेलवे ने इसकी घोषणा भी की।
लेकिन यह रूट सिर्फ रावघाट तक आकर रूक गया। अब बस्तरवासी एक बार फिर अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि बस्तरवासियों के इसके खिलाफ एक होना पड़ेगा। बस्तर रेल आंदोलन के बैनर तले लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। जब रेलवे बस्तरवासियों की मांग पूरी नहीं कर देता तब तक वे आंदोलन करते रहेेंगे।
जनजागरण में जुटे आंदोलन के लोग
बस्तर रेल आंदोलन के सदस्यों द्वारा मुख्य मार्गो में लोगों को जागरूक करने नारा लगाकर पहुंच रहे हैं। इस दौरान वे दुकानों में पम्पलेट बांटकर अपील कर रहे हैं कि इस आंदोलन से जुड़े। जिससे की बस्तरवासियों को रेल सेवा मिल सके। इस दौरान वे सभी समाज प्रमुखों के पास भी पहुंचे ओर बैठक लेकर धरने में शामिल होने की जानकारी दी। इस दौरान वे बस्तर चेबर ऑफ कामर्स, बस्तर परिवहन संघ, अधिवक्ता संघ, सर्व समाज के प्रमुख लोगों से मिले और 26 नवम्बर को बस्तर रेल आंदोलन के बैनर में होने वाले धरने में ज्यादा से ज्यादा लोगों के शामिल होने की मांग की।