बस्तरवासी करेंगे अंतागढ़ से जगदलपुर तक पदयात्रा
बस्तर में रेल सुविधा की मांग अब आंदोलन का रूप धारण करने वाली है। शनिवार को बस्तर चेंबर ऑफ कामर्स के भवन में हुई बैठक में इस आंदोलन की रूप रेखा तैयार की गई है। बस्तर विकास रेल आंदोलन के सदस्यों ने बताया कि बस्तर में रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए जनआंदोलन को गति देने के उद्देश्य शनिवार को बैठक रखी गई थी।
जगदलपुर
Published: February 21, 2022 12:36:19 am
जगदलपुर . बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स भवन में हुई इस बैठक में सभी समाजों के लोगों को आमंत्रित किया गया था। सभी समाज के लोग शामिल भी हुए और उन्होंने रेल के विकास के मुद्दे पर सुझाव भी दिए।
बैठक में तमाम मुद्दों सहित बस्तर वासियों को अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए रेल विकास के लिए अतिशीघ्र जनांदोलन की राह पर चलना होगा। बस्तर से अरबों की कमाई के बाद भी व्यवस्था की नजर में बस्तर सिर्फ दोहन का केंद्र बनकर रह गया है। बस्तरवासियों को अपने हक की लड़ाई के लिए आंदोलन में शामिल होना होगा और व्यवस्था को जगाने अतिशीर्घ जनांदोलन तय करना होगा।
एक दशक से अधिक समय बीता, सुविधा कुछ भी नहीं : बैठक में सभी ने कहा कि एक दशक होने को आये रायपुर से जगदलपुर, सुकमा बीजापुर रेल की घोषणा किए हुए लेकिन अब तक जमीन पर काम शून्य रहा है। जबकि रेलवे द्वारा घोषणा किये गए दल्लीराजहरा- जगदलपुर तक रेल का कार्य वर्ष २०२२ तक संपन्न हो जाना था। लेकिन अब तक यह सिर्फ अंतागढ़ तक हीरेल पटरी बिछ पाई है।
लौह अयस्क के लिए अंतागढ़ तक बिछाई गई ट्रैक : बैठक में समाज के लोगों ने कहा कि अंतागढ़ तक रेल पटरी का कार्य सम्पन्न किया गया है इसके पीछे भी रेलवे का हित है। क्योंकि रेलवे को रावघाट से लौह अयस्क ले जाना है। इसलिए वहां तक की लाइन कम्पीट कर दी गई है। बस्तरवासियों को रेल सुविधा का अधिकार नही बस्तर में सिर्फ खनिज संसाधन की आवश्यकताओं पर ही रेल परिवहन व्यवस्था बनेगा।

रेल सुविधा के लिए चेंबर कार्यालय में हुई सर्व समाज की बैठक
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
