अदिति ने पूछा-समय पर काम कैसे पूरा करें?
पीएम मोदी: काम का ढेर, इसलिए हो जाता है, क्योंकि उसे समय पर पूरा नहीं करते। काम करने से थकान नहीं होती, बल्कि संतोष होता है। जो लोग काम को टालते रहते है, उन्हें परेशानी होती है। डायरी / कागज पर पेन से लिखकर समय को बांटना चाहिए। इससे काम करने/ पढ़ाई करने में रूचि पैदा होगी।
रूपेश ने पूछा-परीक्षा में अनुचित साधनों से कैसे बचा जाए?
पीएम मोदी: परीक्षा में जो गलत प्रेक्टिसेस /नकल होती है, उसके के लिए कोई रास्ता ढूंढना चाहिए। जो मेहनती विद्यार्थी होते है उन्हें चिंता खास इस बात की होती है कि मैं मेहनत करता हूं और कुछ लोग इस तरह कॉपी /नकल कर अपनी गाड़ी आगे बढ़ा लेते हैं। कुछ विद्यार्थी नकल करने में बड़े क्रिएटिव होते हैं। यदि नकल करने वाले छात्र उसी समय को सीखने में लगा दें तो शायद अच्छे परिणाम आएंगे।
पीएम से सवाल करना सपने के पूरा होने जैसा अनुभव
रूपेश(Rupesh) ने पत्रिका से कहा, कार्यक्रम (Pariksha Pe Charcha) में शामिल होना और पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछना सपने जैसे लग रहा है। भले ही यह सपना पूरा हो चुका है लेकिन अब तक इस पर यकीन नहीं हो रहा है। रूपेश(Rupesh) ने कहा कि कार्यक्रम(Pariksha Pe Charcha) खत्म होने के बाद जिस तरह वे पास आए और बातचीत की मुझसे बस्तर को लेकर चर्चा की वह बेहद आश्चर्यजनक था।
पीएम के मंत्र: मां से सीखें टाइम मैनेजमेंट
पढ़ाई का समय निकालने के लिए अपनी मां को रोजमर्रा के कामकाज के लिए समय निकालते देखें। उनका टाइम मैनेजमेंट बेहद प्रेरणादायक है। हार्ड वर्क अच्छी चीज है, लेकिन स्मार्ट तरीके से हार्डवर्क ज्यादा लाभ देता है। बहुत सोच-समझकर, प्लान बनाकर मेहनत करें। पढ़ाई को ज्यादा वक्त दें, तो बेहतर रहेगा। मां-बाप आलोचना नहीं करते, टोका-टाकी करते हैं, जो भले के लिए होती है। उससे विचलित न हों। वैसे टोका-टाकी से माता-पिता भी बचें। औसत विद्यार्थी चिंतित नहीं हों, क्योंकि दुनिया में ज्यादातर लोग औसत ही होते हैं। बहुत प्रखर लोग बेहद कम होते हैं।
अभिभावक दबाव न डालें, विद्यार्थी रखें हफ्ते में एक दिन का डिजिटल उपवास’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिभावकों को बच्चों पर दबाव न बनाने की सलाह ही है। उन्होंने कहा कि माता-पिता कई बार बच्चों के बारे में दूसरों के सामने बड़ी-बड़ी बातें कर देते हैं और बच्चों से वैसा ही करने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को भी हफ्ते में एक दिन या कुछ घंटे डिजिटल उपवास करने की सीख दी। वे शुक्रवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में तालकटोरा स्टेडियम में विद्यार्थियों और अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘स्टेडियम में दर्शक हर गेंद पर चौका चिल्लाते हैं, लेकिन खिलाड़ी सिर्फ गेंद पर ध्यान देता है और उसी के मुताबिक शॉट खेलता है। परिजनों को अपेक्षा स्वाभाविक है, लेकिन स्टेटस की वजह से अपेक्षा चिंता का विषय है।’ मोदी ने कहा कि देश में औसतन लोग रोज 6 घंटे मोबाइल पर बिताते हैं। यह चिंता का विषय है। गैजेट हमें गुलाम बना देता है।