मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान मंच से कहा नक्सलियों से वार्ता करने के लिए इससे अच्छा वातावरण नहीं हो सकता। वार्ता के लिए द्वार हमेशा खुले हैं, बशर्ते वे पहले भारत के संविधान पर विश्वास करें। मैं उनसे बात करने सुकमा आ जाउंगा या वो जहां कहेंगे मैं वहां चला जाऊंगा। मैं हिदुस्तान में हूं, संघी गणराज्य होने के नाते मैं एक संवैधानिक पद पर बैठा हूं। सीएम ने कहा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से हालत बदले हैं, इलाके में जो भय का माहौल था वो ख़त्म हुआ है। लोगों का सरकार पर भरोसा बढ़ा है, सरकार भी वनांचल में रहने वाले आदिवासियों को उनके बुनियादी अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।
नक्सलियों की तरफ से पूर्व में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार से शांति वार्ता करने की पेशकश रखी गयी थी। नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने विज्ञप्ति जारी नक्सलियों द्वारा किये गए मांगों का ज़िक्र किया गया था। जिसमें जंगल से सुरक्षा बलों को हटाने, वार्ता के लिए बड़े नक्सली नेताओं को रिहा करने, वार्ता के लिए सरकार से स्वस्थ वातावरण तैयार करने की मांग की थी।