scriptकैग की नकली टीम की खुली पोल, होटल से ही भाग गए | CAG's fake team's open pole, fled from the hotel itself | Patrika News

कैग की नकली टीम की खुली पोल, होटल से ही भाग गए

locationजगदलपुरPublished: Apr 03, 2022 11:56:46 pm

Submitted by:

Ajay Shrivastav

एक सप्ताह के भीतर कैग से तीन सदस्य टीम आडिट के लिए पहुंची थी। पहचान पत्र व आफिशियल अथारिटी लेटर मांगा तो कह दिया आडिट कैंसल, तब जाकर पोल खुली

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कैग से तीन सदस्य टीम आडिट के लिए पहुंची थी।

जगदलपुर। जिले में कार्यरत केंद्रीय सरकार के दो अलग अलग संस्थानों में एक सप्ताह के भीतर कैग से तीन सदस्य टीम आडिट के लिए पहुंची थी। इस टीम ने एक शिक्षण संस्थान में तो आडिट पूरी कर ली। दूसरे संस्थान में जब इन्होंने जांच शुरू की तब जाकर इनकी पोल खुली।
मिली जानकारी के अनुसार धरमपुरा मार्ग स्थित केंद्रीय सरकार के एक शोध संस्थान में पहुंची कैग की टीम तीन दिनों तक आडिट करती रही। इनकी गतिविधियां प्रभारी अधिकारी को संदिग्ध लगी तो उन्होंने इन तीनों के परिचय पत्र मांगे। इन्होंने किसी तरह का परिचय देने से इंकार करते हुए कार्यालय की गड़बड़ी बतानी शुरू कर दी। मामला तुल पकडऩे लगा तो इन तीनों ने आडिट कैंसल होने की बात कहते रवानगी काट ली। इसके बाद विभागीय तहकीकात की तो पता चला कि उसमे शामिल एक जिसने स्वयं को गौरव तिवारी बताया है। वह हेड बनकर आया था। पर आखिरी तक उसने न तो अपना परिचय पत्र दिया न ही आडिट करने कोई अधिकृत पत्र इस सौंपा है।
ऐसे हुआ है आडिट का खेल

धरमपुरा स्थित इस शोध संस्थान को एक ई मेल आता है कि आपके कार्यालय का 20 मार्च 22 आडिट होना है। इस ई मेल को गौरव शुक्ला ने किया था। इस पर न तो कैग का कोई अधिकृत ऐड्रेस था, न फोन नंबर, न कोई ई हस्ताक्षर ही था। टीम आईं और पहले उसने एक स्कूल का ऑडिट किया। यहां किसी को भी सुबहा नहीं हुआ। इसके बाद टीम ने शोध संस्थान का रुख किया। 27 से लेकर 30 मार्च तक टीम ने अपने खाने, पीने और घूमने का प्रबंध करने कहा। टीम का प्रमुख श्रद्धा सुमन और दो सदस्य गौरव लाज में रुके थे। आडिट के लिए इन्होंने कार्यालय में एक एसी रूम लिया था। सारा काम सुचारू होता रहा पर कई बार उनसे ऑफिशियल आदेश मांगने पर भी नहीं मिलने पर उक्त अधिकारी ने अपने मुख्यालय को इसकी जानकारी दी।
आडिट कैंसल कर दिया व चलते बने

वहां से इस बारे में पूछ परख की गई तो पता चला की ऐसी कोई टीम नहीं भेजी गई है। इसके बाद उस टीम ने उनसे कुछ डाक्यूमेंट मांगे। अधिकारी ने उन्हें डाक्यूमेट सौंपे तो उसकी रिसीविंग मांगी। टीम जो भी पत्र उन्हें देती थी वह सारे औपचारिक पत्र होते थे। जब इन्होंने उपर शिकायत करने की बात कही तो टीम ने कह दिया आडिट कैंसल कर दिया गया है। इसके बाद वे चलते बने।
इधर इस बात को लेकर विभाग प्रमुख अब कैग के कार्यालय में शिकायत करने की तैयारी में जुटे है। उन्होंने कहा पूरी तस्दीक होने के बाद विभागीय अनुमति से पुलिस कार्रवाई करेंगे।
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