मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में मंत्री लखमा ने लिखा है कि सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर वनमण्डल तीनों घोर संवेदनशील और माओवाद प्रभावित जिलों में हैं। इन जिलों के तेंदूपत्ता संग्राहकों और जनप्रतिनिधियों ने तेंदूपत्ता पारिश्रमिक का नकद भुगतान कराने का आग्रह किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इन तीनों जिलों में भी तेंदूपत्ता का भुगतान बैंक के माध्यम से करने का प्रावधान है। परंतु संग्राहकों के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता नहीं होने के कारण बैंक के माध्यम से भुगतान में काफी दिक्कत होती है।
एक तो यह क्षेत्र संवेदनशील है और अंदरूनी गांवों से बैंक की दूरी 70 से 80 किलोमीटर तक है। मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्राहकों और इन जिलों के जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक से पारिश्रमिक से भुगतान के आदेश को निरस्त करते हुए सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर तीनों वनमण्डलों में तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक की राशि का नकद भुगतान कराने के निर्देश दिए हैं।