scriptNagarnar NMDC के RMHS में लगी आग, काम पूरा करने की जल्दीबाजी में हो रही घटनाएं, हुआ करोड़ो का नुकसान | caught fire inNagarnar NMDC plant RMHS causing loss of crores | Patrika News

Nagarnar NMDC के RMHS में लगी आग, काम पूरा करने की जल्दीबाजी में हो रही घटनाएं, हुआ करोड़ो का नुकसान

locationजगदलपुरPublished: Feb 25, 2020 11:00:07 am

Submitted by:

Badal Dewangan

नगरनार में एनएमडीसी के स्टील प्लांट एरिया में आरएमएचएस यूनिट में कुछ निर्माण करवाया जा रहा था। इसी के टेस्टिंग के दौरान कन्वेयर बेल्ट ने आग पकड़ ली।

Nagarnar NMDC के RMHS में लगी आग, काम पूरा करने की जल्दीबाजी में हो रही घटनाएं, हुआ करोड़ो का नुकसान

Nagarnar NMDC के RMHS में लगी आग, काम पूरा करने की जल्दीबाजी में हो रही घटनाएं, हुआ करोड़ो का नुकसान

जगदलपुर . निर्माणाधीन नगरनार स्टील प्लांट के रॉ मटेरियल हैंडलिंग सिस्टम में सेामवार को टेस्टिंग के दौरान कन्वेयर बेल्ट में आग लग गई। आग लगने की वजह फिलहाल वेल्डिंग की चिंगारी बताई जा रही है। अचानक आग लग जाने से स्टील प्लांट में मौजूद लोगों में अफरा तफरी मच गई। इस आग को प्लांट में मौजूद फायर बिग्रेड की मदद से बड़ी मुश्किल से काबू पाया गया। हालांकि आग से किसी भी जनहानि की सूचना नहीं मिली है।

नगरनार में एनएमडीसी के स्टील प्लांट एरिया में आरएमएचएस यूनिट में कुछ निर्माण करवाया जा रहा था। इसी के टेस्टिंग के दौरान कन्वेयर बेल्ट ने आग पकड़ ली। बेल्ट के जलने से काला धुंआ का गुबार उठने लगा। इतना ही नहीं धुंए के गुबार के साथ ही लपटें भी उठती नजर आई। इस बीच किसी ने फायर बिग्रेड को इसकी जानकारी दे दी। फायर ब्रिगेड ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
प्रोजेक्ट को 9 साल बीत जाने के बावजूद पूरा नहीं कर सकी भेल : नगरनार स्टील प्लांट में आरएमएचएस यूनिट का निर्माण यहाँ पर बाहर से आने वाले रॉ मैटेरियल को वैगन से खाली करने के लिए किया जाता है। जिसका निर्माण बीएचईएल (भेल) कंपनी द्वारा किया जा रहा है इस प्रोजेक्ट को 2011 में 30 माह में पूरा करने के लिये उक्त कंपनी को दी गई थी। लेकिन इस प्रोजेक्ट को 9 साल बीत जाने के बावजूद पूरा नहीं कर सकी जिसके चलते गत वर्ष जून माह में भेल को टर्मिनेट भी कर दिया गया था लेकिन अगस्त माह में फिर से काम पूरा करने का जिम्मा दे दिया गया।

अनुभवी और प्रशिक्षित अधिकारियों की टीम फेल
वर्तमान में इस स्टील प्लांट में भारी भरकम अधिकारियों व वर्कमैन की भर्ती की जा रही है। स्थानीय को अनुभव हीन व अप्रशिक्षित बता कर बाहर से भर्ती किया जा रहा है । इनमें ओडिशा, बिहार, झारखंड और आंध्र के लोगों की भर्ती की जा रही है। जिनमें अधिकांश दूसरे प्लांट के अनुभवी व रिटायर्ड अफसरों को प्राथमिकता देते हुए स्थानीय युवाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। बावजूद इसके प्लांट के निर्माण में देरी व दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी चिंता का विषय है।

सुरक्षा मानकों को पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
ब ताया जा रहा है कि भेल ने इस काम का ठेका दो वेंडरों को सौंप दिया है। इसमें एक वेेंडर के जिम्मे स्ट्रक्चर निर्माण व दूसर वेंडर मेकेनिकल सिस्टम का कार्य कर रहा है। इन दोनों विभागों के बीच तालमेल की कमी होना भी दुर्घटना की एक वजह बताई जा रही है। इधर एनएमडीसी प्रबंधन ने भी वेंडरों के जरिए काम सौंपकर सुरक्षा दायित्व निभाने से पल्ला झाड़ लिया है। दुर्घटना के बाद से एनएमडीसी निस्प के अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की गई पर संपर्क नहीं हो सका। फिलहाल दुर्घटना की सही वजह व नुकसान का आंकलन नहीं हो पाया है।

तय सीमा में कार्य पूरा नहीं करने से बढ़ी लागत
शुरुआत में इस प्रोजेक्ट की लागत एक हजार 500 करोड़ की थी। लेकिन तय समय पर कार्य पूरा न कर पाने के कारण वर्तमान में इसकी अनुमानित लागत लगभग 2200 करोड़ पहुच चुकी है। चूंकि भेल द्वारा इस प्रोजेक्ट के निर्माण में काफी देरी की गई जिसके चलते मिनिस्ट्री से काम पूरा करने का भारी दबाव है तथा कंपनी द्वारा जून-जुलाई में कमीशनिंग होने की शर्त पर दुबारा काम दिया गया है इसके चलते काम पूरा करने की जल्दबाजी में ही इस तरह की घटनाएं घट रही है। गौरतलब है कि प्लांट में यह आग लगने की चौथी घटना है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो