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CGPSC में पूछा- आय का वितरण मापा जाता है, क्या आपको पता है इसका सही जवाब, नहीं तो जानें

locationजगदलपुरPublished: Feb 18, 2019 07:13:05 pm

– 2017 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय वयोश्री योजना कौन से शहर में शुरू की गई।

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CGPSC में पूछा- आय का वितरण मापा जाता है, क्या आपको पता है इसका सही जवाब, नहीं तो जानें

जगदलपुर. राज्य लोक सेवा आयोग (PSC) की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को हुई। परीक्षा शहर के दर्जनभर से ज्यादा सेंटरों में संपन्न हुई। परीक्षा देने के लिए पूरे संभाग के अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थी पहुंचे। परीक्षा दो पाली में संपन्न हुई। सुबह 10 से 12 और दोपहर 3 से 5 बजे तक परीक्षा हुई। शहर के एमएलबी स्कूल से परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस साल का पेपर पिछले साल से ज्यादा आसान रहा। हालांकि कुछ सवालों ने उन्हें उलझाया भी। हाल ही में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और उनके विधायकों की विधानसभा सीट के सवाल में अभ्यर्थी उलझे। वहीं भूगोल और इतिहास से जुड़े सवाल अभ्यर्थियों को पिछले साल से ज्यादा आसान लगे।

इन प्रश्नों ने परेशान किया
– कौन-से राज्य में हलाम, नोटिया जनजाति मुख्य रूप से पाए जाते है
– भारत में जैव विविधता अधिनियम किस वर्ष पारित हुआ
– हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश कौन है
– 2017 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय वयोश्री योजना कौन से शहर में शुरू की गई।

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आसान सवालों की वजह से बढ़ेगा कटऑफ
परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने कहा कि चाहे पीएससी हो या यूपीएससी किसी भी परीक्षा में जब आसान सवाल पूछे जाते हैं तो कटऑफ बढ़ जाता है। यानी प्रतिस्पर्धा कड़ी हो जाती है। ज्यादा से ज्यादा लोग सवाल का सही जवाब देते हैं और ऐसे में प्री क्लियर करने के लिए ज्यादा नंबरों की आवश्यकता होती है।


सवाल- आय का वितरण मापा जाता है
– फिलिप वक्र से
– लारेन्ज वक्र से
– मार्शल वक्र से
– लाफर वक्र से
उत्तर- लॉरेन्द वक्र से (यह संभावित उत्तर है अंतिम आयोग द्वारा मान्य होगा।)

पचास पैसे की दर से यात्रा भत्ते का भुगतान करने पर विवाद
जगदलपुर में परीक्षा में शामिल होने के लिए दूर-दराज से आए सैकड़ों अभ्यर्थी संभागीय मुख्यालय पहुंचे हुए थे। परीक्षा के बाद जब वे बाहर यात्रा भत्ता लेने के लिए आयोग के द्वारा नियुक्त अधिकारी के पास पहुंचे तो उन्हें 50 पैसे प्रति किमी की दर से भुगतान किया गया। जबकि अभ्यर्थियों ने इससे ज्यादा के किराए का भुगतान किया था। इसे लेकर शहर के कई सेंटरों में विवाद की स्थिति निर्मित हुई। इस मामले में सेंटर प्रभारियों का कहना था कि के विवाद से बचने के अभ्यर्थियों के खाते में ही यात्रा भत्ता ट्रांसफर कर देना चाहिए।

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