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बेरोजगार आवेदकों के साथ रोजगार के नाम पर हुआ धोखा, जानिए क्या है पूरा मामला

locationजगदलपुरPublished: Oct 19, 2019 03:26:18 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

सरकारी संस्थान या किसी व्यक्ति के द्वारा नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को जारी किए गए विभिन्न पदों की भर्ती विज्ञापन में ही हुआ हैं।

बेरोजगार आवेदकों के साथ रोजगार के नाम पर हुआ धोखा, जानिए क्या है पूरा मामला

बेरोजगार आवेदकों के साथ रोजगार के नाम पर हुआ धोखा, जानिए क्या है पूरा मामला

कोण्डागांव. बेरोजगारों युवाओं के साथ एक बाद फिर धोखा किए जाने का मामला प्रकाश में आया हैं। दरअसल यह धोखा किसी गैर सरकारी संस्थान या किसी व्यक्ति के द्वारा नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को जारी किए गए विभिन्न पदों की भर्ती विज्ञापन में ही हुआ हैं। जारी किए गए विज्ञापन के कालम क्रमांक 16 में मनोविज्ञानी का एक पद राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत भरा जाना था। जिसके लिए बकायदा जिले के साथ ही अन्य जगहों से 35 बेरोजागार युवाओं ने आवेदन किया था।

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जिसकी परीक्षा भी नियमानुसार आयोजित किया गया, लेकिन रिजल्ट जारी करने के समय विभाग को अपनी गलती नजर आ गई और विभाग इस पद को फि लहाल होल्ड करने की बात कह रहा है। दरअसल जो विज्ञापन में इसकी सैलरी दशाई कई थी वह 23000 रुपए था, लेकिन अब परीक्षा आदि की पूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस पद की सैलरी को अधिक बताते हुए इसके लिए दुबारा से विज्ञापन जारी करने की बात कह रहे है। यही नहीं विभागीय अधिकारियों की माने तो यह गलती स्थानीय स्तर से नहीं बल्कि राज्य स्तर से भेजी गई जानकारी में ही त्रृटि थी जिसके चलते यह स्थिति निर्मित हुई हैं।

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आवेदकों केा अब भी कोई जानकारी नहीं दी
यदि किसी कारणवश लिपिकीय त्रृटि होती भी है तो, इस संबंध में आवेदकों को पृथक से इसकी सूचना देनी चाहिए या फि र कार्यालय के सूचना पटल पर चस्पा करनी चाहिए थी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया है। जिससे बेरोजगार आज भी इस पद पर अपने को देखना चाह रहे है। जबकि यहां तो पूरा मामला ही बदला हुआ है। आखिरकार बेरोजागार युवाओं की क्या गलती जो अपना समय व धन दोनों ही इस पद की लालच में गवा दिया।

दावा आपत्ति के दौरान भी हुई थी गलती
दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक उम्मीदवारों से डीडी की मांग करते हुए जिला स्वास्थ्य समिति कोण्डागांव के नाम पर मंगवाया था। पहले इसे वर्गवार जमा करने विज्ञापन में निर्देश था, लेकिन जब आवेदकों के आवेदन को ही अमान्य कर दिया गया तो उम्मीदवारों ने दावा-आपत्ति किया तब इसे वर्ग के आधार पर नहीं बल्कि पद के आधार पर डीडी की मांग करने की बात कही गई और आखिरकार बेरोजगार युवाओं ने दुबारा फिर से डीडी बनाई और इसके बाद सभी को पात्र घोषित कर दिया गया। जबकि केवल अनुभवधारकों को ही पात्र किया जाना था। यह प्रक्रिया यही नहीं खत्म हुई जब अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए बुलावा भेजा गया उस दौरान विभाग अपनी गलती मानते हुए वर्ग के आधार पर डीडी की बात कहते आवेदकों के द्वारा दुबारा बनाए गए डीडी को वापस किया था।

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